Loksabha Election 2019: एक नजर देवरिया लोकसभा सीट पर

Edited By Ruby,Updated: 15 May, 2019 12:58 PM

loksabha election 2019 deoria lok sabha constituency

देवरियाः देवरिया को महान संत देवरहा बाबा की धरती के नाम से भी जाना जाता है। देवरिया नाम की उत्पत्ति ‘देवारण्य’ या ‘देवपुरिया’ से हुई थी। इसी के नाम पर इसका नाम देवरिया पड़ा। देवरिया गोरखपुर से सटा हुआ है इसलिए इस सीट की महत्ता काफी बढ़ जाती है। इस...

देवरियाः देवरिया को महान संत देवरहा बाबा की धरती के नाम से भी जाना जाता है। देवरिया नाम की उत्पत्ति ‘देवारण्य’ या ‘देवपुरिया’ से हुई थी। इसी के नाम पर इसका नाम देवरिया पड़ा। देवरिया गोरखपुर से सटा हुआ है इसलिए इस सीट की महत्ता काफी बढ़ जाती है। इस लोकसभा सीट का इतिहास 1952 के चुनाव से ही शुरू होता है। इस चुनाव में यहां से विश्वनाथ राय यहां से सांसद चुने गए। विश्वनाथ राय  4 बार देवरिया से सांसद बने। 1957 में हुए चुनाव में पीएसपी के रामजी वर्मा यहां से सांसद बने। 1962 में विश्वनाथ राय दुबारा यहां से सांसद बने। 1967 के चुनाव में विश्वनाथ राय तीसरी बार सांसद बने। 1971 के चुनाव में विश्वनाथ राय चौथी बार सांसद बने। इसके बाद 1977 भारतीय लोकदल से उग्रसेन यहां से सांसद बने। 1981 के चुनाव में कांग्रेस रामायण राम यहां से सांसद बने। 1984 के चुनाव में कांग्रेस के राजमंगल पांडेय सांसद बने। 1889 के चुनाव में राजमंगल पांडेय जनता दल से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे।

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1991 के चुनाव में जनता दल ने अपना उम्मीदवार मोहन सिंह को बनाया और मोहन सिंह चुनाव जीत गए। 1996 के चुनाव में बीजेपी का खाता यहां खुलाऔर श्री प्रकाश मणि सांसद बने। 1998 के चुनाव में मोहन सिंह सपा में शामिल हो गए और यहां से चुनाव जीता। 1999 के चुनाव में श्री प्रकाश मणि दुबारा जीते। 2004 के चुनाव में मोहन सिंह सपा के बैनर तले फिर चुनाव जीत गए। 2009 के चुनाव में यहां से बसपा का खाता खुला और गोरख प्रसाद जायसवाल सांसद बने। वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेपी के दिग्गज नेता कलराज मिश्रा चुनाव जीते और संसद पहुंचे। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने रामापति राम त्रिपाठी पर दांव खेला है और गठबंधन के खाते से बसपा के पास गई सीट पर विनोद कुमार जायसवाल चुनाव लड़े रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने नियाज अहमद को चुनावी मैदान में उतारा है।

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इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें देवरिया, तमकुही राज, फाजिलनगर, पथरदेवा और रामपुर कारखाना शामिल है, जिसमें तमकुही राज और फाजिलनगर विधानसभा सीटें कुशीनगर जिले में आती हैं।

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2017 के विधानसभा चुनाव में 4 सीटें बीजेपी ने और  1 कांग्रेस ने जीती थी। कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू ने तमकुही राज विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी को हराकर चुनाव जीता था।

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कुल मतदाताओं की संख्या
2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में देवरिया सीट पर कुल 17 लाख 29 हज़ार 583 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 44 हज़ार 772  है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 7 लाख 84 हज़ार 718 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 93 है।

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2014 में बीजेपी के कलराज मिश्र चुनाव जीते
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के दिग्गज नेता कलराज मिश्र चुनाव जीते। इस चुनाव में कलराज मिश्र को कुल 4 लाख 96 हज़ार 500 वोट मिले। दूसरे नंबर पर बसपा के निय़ाज अहमद रहे। नियाज को कुल 2 लाख 31 हज़ार 114 वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर सपा से बलेश्वर यादव रहे। बलेश्वर यादव को कुल 1 लाख 50 हज़ार 852 वोट मिले।

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2009 में बसपा के गोरख प्रसाद जायसवाल सांसद बने
बात करें 2009 के लोकसभा चुनाव में यहां से बसपा के गोरख प्रसाद जायसवाल सांसद बने। गोरख प्रसाद को कुल 2 लाख 19 हज़ार 889 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर पर बीजेपी के श्री प्रकाश मणि रहे। मणि को कुल 1 लाख  78 हज़ार 110 वोट मिले। तीसरे नंबर पर सपा के मोहन सिंह रहे। मोहन सिंह को कुल 1 लाख 51 हज़ार 389 वोट मिले।

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2004 में सपा के मोहन सिंह विजयी रहे
2004 के लोकसभा चुनाव में यहां से सपा के मोहन सिंह चुनाव जीते। मोहन सिंह को कुल 2 लाख 37 हज़ार 664 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर श्री प्रकाश मणि रहे। मणि को इस चुनाव में कुल 1 लाख 85 हज़ार 438 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बसपा के देवी प्रसाद रहे। देवी प्रसाद को कुल 1 लाख 32 हज़ार 497 वोट मिले।

 

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