CPA इंडिया रीजन कॉन्फ्रेंस के 7वें सम्मेलन का आगाज, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने किया उद्घाटन

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 16 Jan, 2020 02:00 PM

lok sabha speaker om birla inaugurates 7th conference of cpa

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कॉमनवेल्थ पार्लियामेंटरी एसोसिएशन इंडिया (सीपीए) रीजन का सातवें सम्मेलन का गुरुवार को आगाज हुआ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका उद्घाटन किया। जिसके...

लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कॉमनवेल्थ पार्लियामेंटरी एसोसिएशन इंडिया (सीपीए) रीजन का सातवें सम्मेलन का गुरुवार को आगाज हुआ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका उद्घाटन किया। जिसके बाद मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने उद्घाटन सत्र को विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित किया।
PunjabKesari
संसदीय परंपराओं को कैसे ऊंचा उठा सकें, ये हम सबकी जिम्मेदारी-बिड़ला
इस दौरान उद्घाटन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि आजाद भारत के बाद हर चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ना, ये बताता है कि, लोगों का लोकतंत्र पर विश्वास बढ़ा है। इसलिए जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी भी बढ़ी है। लोकतंत्र व्यवस्था में जनप्रतिनिधि का सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सदन के सभी सदस्यों को भी ये अधिकार मिलना चाहिए कि, सरकार उनके विचारों को गंभीरतापूर्वक ले, जिससे जनता को वो जवाब दे सकें।
PunjabKesari
उन्होंने कहा कि संसदीय परंपराओं को कैसे ऊंचा उठा सकें, ये हम सबकी जिम्मेदारी है। ये सदन गरीब व वंचित लोगों के लिए सार्थक परिणाम देने के लिए है। जनता के विश्वास को जीतने की हमारी बड़ी भूमिका होती है। इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि, सदन में जनता की बात को रखा जाए, पर विपक्ष को एक दायरे में रहकर अपनी बात कहनी चाहिए।
PunjabKesari
ऐसी व्यवस्था हो, जिससे आपसी सामंजस्य से संसदीय गतिरोक रुके-दीक्षित
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि हमें ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि, आपसी सामंजस्य से संसदीय गतिरोध रोकने के लिए गहन विचार करना चाहिए। उत्तर प्रदेश ने देश को 9 प्रधानमंत्री दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यूपी की वाराणसी से सांसद हैं। पिछले साल पटना में सीपीए सम्मेलन हुआ था। पिछले दिनों महात्मा गांधी की जयंती पर 36 घंटे यूपी विधानसभा का सत्र चला। उसके बाद यहां सीपीए सम्मेलन की कल्पना बनी थी। यह ऐतिहासिक सदन है, जो देश की सबसे बड़ी जनसंख्या का नेतृत्व करता है। यहां हम दो दिनों तक विचार विमर्श करेंगे।
PunjabKesari
लक्ष्मण रेखा पार नहीं होनी चाहिए-लालजी टंडन
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि मेरा सौभाग्य रहा कि, यहां के दोनों सदनों का सदस्य रहा हूं। स्पीकर की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। जिस तरह से लोकसभा अध्यक्ष के दिशा निर्देशन में विधेयक पारित हुए हैं, उसके लिए उनकी भूमिका सराहनीय है। कहा- सत्ता का काम सरकार चलाना होता है। उसी तरह विपक्ष को अपनी बात कहने का हक होता है। लेकिन दोनों पक्षों को बोलने के लिए लक्ष्मण रेखा पार नहीं करनी चाहिए। यही सच्चे लोकतंत्र की पहचान है। आलोचना होनी चाहिए पर आचरण का भी ख्याल रखा जाना चाहिए।
PunjabKesari
इस सम्मेलन से ठोस निष्कर्ष निकलेंगे, लोकतंत्र और मजबूत होगा-योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारतीय लोकतंत्र की भावना राष्ट्रमंडल की भावना के अनुरूप है। भारत राष्ट्रमंडल की सराहना करता है। हमारे संविधान निर्माताओं ने लोकतंत्र की जिम्मेदारी बचाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी है, इसलिए हमें अपनी भूमिका निभानी होगी। एकता और अखंडता की हम आज भी रक्षा कर रहे हैं। इस सम्मेलन से ठोस निष्कर्ष निकलेंगे, जिनसे लोकतंत्र और मजबूत होगा।

भारत की संसदीय व्यवस्था की दुनिया में अलग साख है-नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद
नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि सीपीए सम्मेलन से लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी। यूपी विधानसभा का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। भारत की संसदीय व्यवस्था की दुनिया में अलग साख है। सभी को स्वतंत्रता का अधिकार है, ऐसी कोई विधि नहीं है जो अधिकारों को छीनती हो। संसदीय लोकतंत्र मजबूत हो, इसका संदेश यूपी से पूरे देश में जाना चाहिए। कहा- सदन में उठाए जाने वाले मामले जनता के होते हैं न किसी दल के होते हैं। सदन में व्यवधान पैदा होता है, ये ठीक नहीं है। अगर सरकार अपने जवाब से विपक्ष को संतुष्ट कर दे तो सदन निर्बाध गति से चलता रहेगा।

इस सम्मेलन की थीम जनप्रतिनिधियों की भूमिका
यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बुधवार को सेंट्रल हॉल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उत्तर प्रदेश को पहली बार सीपीए इंडिया रीजन के सम्मेलन की मेजबानी का अवसर मिला है। सीपीए इंडिया जोन के अध्यक्ष, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला हैं। इस सम्मेलन की थीम है, जनप्रतिनिधियों की भूमिका।

इन कार्यों पर होगा मंथन
यह सम्मेलन 19 जनवरी तक चलेगा, जिसमें संसदीय प्रणाली और विधायी कार्यों को लेकर मंथन किया जाएगा। सम्मेलन में खासतौर से इस बात पर जोर दिया जाएगा कि विधानसभा या लोकसभा का सत्र हंगामे की वजह से बाधित होने की स्थिति में कामकाज को और कैसे बढ़ाया जाए।

विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों को पत्र लिखकर किया गया आमंत्रित 
इसके लिए विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों को पत्र लिखकर आमंत्रित किया गया है। सम्मेलन को लेकर दोनों सदनों (विधानसभा और विधान परिषद) के सदस्यों को पत्र लिखकर 16 जनवरी को उद्घाटन समारोह में सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक उपस्थित रहने का अनुरोध किया गया है। इसमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ-साथ राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश भी भाग लेंगे। इनके अलावा देश की सभी विधान सभाओं के अध्यक्ष व विधान परिषदों के सभापति भी भाग लेंगे।

8 देशों के 141 प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा  
जानने योग्य है कि सीपीए में कुल 9 रीजन है। इनमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, बारबाडोस, कनाडा, मलयेशिया, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, तंजानिया और यूनाइटेड किंगडम हैं। कॉन्फ्रेंस में लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उप सभापति, सभी विधानसभाओं और विधान परिषदों के अध्यक्ष, सभापति, प्रमुख सचिवों के साथ आठ देशों के 141 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!