Edited By Deepika Rajput,Updated: 18 Mar, 2019 10:23 AM
गोरखपुर और बस्ती मंडल की 9 लोकसभा सीटों पर 19 मई को मतदान होना है। मंडल की सभी 9 सीटों पर 2014 में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी, लेकिन योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर का सांसद पद छोड़ने के बाद 2018 में हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) और क्षेत्रीय निषाद...
गोरखपुरः गोरखपुर और बस्ती मंडल की 9 लोकसभा सीटों पर 19 मई को मतदान होना है। मंडल की सभी 9 सीटों पर 2014 में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी, लेकिन योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर का सांसद पद छोड़ने के बाद 2018 में हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) और क्षेत्रीय निषाद पार्टी गठबंधन ने इस सीट पर कब्जा कर लिया था। इस बार अभी तक इन सीटों के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
गोरखपुर सीट की बात करें तो यहां 1990 के दशक में राम मंदिर आंदोलन की लहर के साथ ही गोरक्षनाथ मठ से जुड़ा व्यक्ति ही लोकसभा चुनाव जीतता रहा है। पहले मठ के प्रमुख महंत अवैद्यनाथ यहां से बीजेपी के टिकट पर सांसद चुने जाते रहे। फिर योगी आदित्यनाथ पार्टी के सांसद बने। उपचुनाव में मठ से जुड़ा प्रत्याशी बीजेपी ने नहीं उतारा था और इस बार भी चर्चा है कि अगर गोरक्षनाथ मठ से जुड़े व्यक्ति को बीजेपी ने उम्मीदवार नहीं बनाया तो पार्टी को जीत के लिए लोहे के चने चबाने पड़ सकते हैं।
उपचुनाव में बीजेपी की पराजय के बाद गोरखपुर संसदीय सीट पर मुख्यमंत्री योगी की प्रतिष्ठा इस बार दांव पर लगी हुई है। सूत्रों के अनुसार इस बार वह बीते परिणाम को दोहराने से रोकने के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं। आम लोगों में यह भी चर्चा है कि यदि गोरखनाथ मंदिर से जुड़े व्यक्ति को बीजेपी ने उम्मीदवार नहीं बनाया तो सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी से जीतने के लिए उसे तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।