लॉकडाउनः 298 किमी पैदल चल पड़ा बेटा, कहा- 'पिता की अंत्येष्टि के लिए पहुंचना है घर'
Edited By Ajay kumar,Updated: 27 Mar, 2020 01:45 PM
तेजी से साथ बढ़ते जा रहे कोरोना वायरस के प्रकोप को तोड़ने के लिए जरूरी है कि इसके चेन रिएक्शन को तोड़ा जाए। इसी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है। वहीं लॉकडाउन के चलते
इटावाः तेजी से साथ बढ़ते जा रहे कोरोना वायरस के प्रकोप को तोड़ने के लिए जरूरी है कि इसके चेन रिएक्शन को तोड़ा जाए। इसी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है। वहीं लॉकडाउन के चलते आवागमन के साधनों पर पांबदी है। ऐसे में एक बेटे के लिए आज का दिन खासा मुसीबत भरा रहा। जहां वह अपने पिता के अंतिम संस्कार करने के लिए तड़प गया अंततः उस बेटे ने हिम्मत बांधी और मध्य प्रदेश के ग्वालियर से उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के लिए 298 किमी की पदयात्रा पर निकल पड़ा।
बता दें कि कन्हैयालाल शाहजहांपुर के गांव सिमोरा के रहने वाले हैं और ग्वालियर में अचार बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उन्हें घरवालों ने पिता के निधन की सूचना फोन पर दी। वहीं लॉकडाउन के दौरान वाहन पूरी तरह से बंद है। घर जाने के लिए कोई साधन न मिलने की सूरत में कन्हैयालाल ने पैदल ही जाने की ठानी और अपने 14 वर्षीय बेटे के साथ पदयात्रा पर निकल पड़े।
अंत्येष्टि के लिए घर पर हो रहा है इंतजार
इटावा-फर्रुखाबाद मार्ग के रास्ते शाहजहांपुर जा रहे कन्हैयालाल ने दुखी मन से बताया कि वाहन नहीं चल रहा। ऐसे में मजबूरी में पैदल जाने के सिवा दूसरा रास्ता नहीं था। अंत्येष्टि के लिए घर पर उनका इंतजार हो रहा है। वह जल्द से जल्द अपने पिता की अंतिम दर्शन के लिए घर पहुंचना चाहते हैं।