Edited By Ruby,Updated: 09 Nov, 2018 04:46 PM
दीपावली की रात और उसकी अगली सुबह लखनऊ में वायु प्रदूषण आपात स्तर को पार कर गया। सेंटर फॉर एन्वॉयरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार दीपावली की रात और उसकी अगली सुबह लखनऊ में हवा सांस लेने लायक नहीं रही। गत 7 नवम्बर...
लखनऊः दीपावली की रात और उसकी अगली सुबह लखनऊ में वायु प्रदूषण आपात स्तर को पार कर गया। सेंटर फॉर एन्वॉयरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार दीपावली की रात और उसकी अगली सुबह लखनऊ में हवा सांस लेने लायक नहीं रही। गत 7 नवम्बर यानी दीपावली के दिन हवा में मुख्य प्रदूषणकारी तत्व यानी पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 की मौजूदगी का स्तर 250 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा, जो कि राष्ट्रीय औसत से चार गुना अधिक है, जबकि दीपावली से एक दिन पहले यह 183 था। हालांकि आज भी स्थिति अच्छी नहीं रही।
सीड की वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी अंकिता ज्योति ने इस विश्लेषण के बारे में कहा, ‘‘सुबह की ठंड और हवा में ज्यादा नमी ने प्रदूषण के जमाव को और भी गम्भीर स्थिति में पहुंचा दिया है। दीपावली की अगली सुबह हवा में पीएम 2.5 की मौजूदगी 386 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही, जो कि सुरक्षित सीमा से 6.4 गुना अधिक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने उच्चतम न्यायालय द्वारा तय समयसीमा की अवहेलना करते हुए ज्यादा देर तक पटाखे जलाए। एक साधारण फुलझड़ी से लेकर बेहद जटिल और शोरगुल वाले पटाखों में नाइट्रेट्स, सल्फर, चारकोल, अल्युमिनियम, टाइटेनियम, कॉपर, स्ट्रोनटियम, बेरियम और डेक्स्ट्रिन जैसे तत्वों का मिश्रण होता है। अधिक मात्रा में पटाखे जलाने से ये जहरीले तत्व हवा में मिल जाते हैं और स्मॉग (धूल मिश्रित धुआं) का निर्माण करते हैं, जिसमें सल्फर ऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड तथा अन्य र्पिटकुलेट मैटर छाये रहते हैं और यही स्थिति लखनऊ के वातावरण में दीपावली से अब तक बनी हुई है।’’