मथुरा: बहुचर्चित तोलेबाबा हत्याकांड में रंगा-बिल्ला समेत 5 को उम्रकैद, 2015 का वो दिन जिसे सोच आज भी कांप जाते हैं लोग

Edited By Mamta Yadav,Updated: 16 Jul, 2022 10:49 PM

life imprisonment for 5 including ranga billa in the famous tolebaba murder

उत्तर प्रदेश के मथुरा में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरेन्द्र प्रसाद ने बहुचर्चित तोलेबाबा हत्याकांड में रंगा और बिल्ला समेत पांच अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। दोषियों में चार सगे भाई हैं। अभियोजन पक्ष के अनुसार 28...

मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरेन्द्र प्रसाद ने बहुचर्चित तोलेबाबा हत्याकांड में रंगा और बिल्ला समेत पांच अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। दोषियों में चार सगे भाई हैं। अभियोजन पक्ष के अनुसार 28 फरवरी 2015 को लगभग साढ़े दस बजे सुबह राकेश चतुर्वेदी पुत्र विश्वनाथ चतुर्वेदी व दिनेश चतुर्वेदी पुत्र श्यामलाल बाइक पर बैठकर वनखण्डी के रास्ते कचेहरी आ रहे थे। उनके आगे तुलसीदास उर्फ तोलेबाबा बाइक पर बैठे हुए थे जिसे सुमित चतुर्वेदी पुत्र अनिल चतुर्वेदी चला रहा था।       

जैसे ही उक्त सभी लोग वनखण्डी मोहल्ले में पहुंचे वहां पहले से ही घात लगाए बैठे राकेश उर्फ रंगा, मुकेश उर्फ बिल्ला, नीरज, कामेश उर्फ चीनी सभी पुत्रगण बालस्वरूप चतुंर्वेदी एवं प्रदीप उर्फ गुलगुला पुत्र जगदीश चतुर्वेदी सभी निवासी रतनकुंड ने ताबड़तोड़ गोली चला दी। जिससे राकेश उर्फ रंगा की गोली तोले बाबा की पीठ पर लगी। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।       

सभी हमलावर हवा में असलहे लहराते हुए भाग गए। इस घटना की रिपोर्ट राकेश चतुर्वेदी पुत्र विश्वनाथ चतुर्वेदी निवासी नीमगली नगला पाइसा ने थाना कोतवाली में उसी दिन धारा 147, 148, 149, एवं 302 आईपीसी में दर्ज कराई थी। सजा के मामले में बचाव पक्ष की दलील थी कि चूंकि सभी अभियुक्त युवा एवं कम आयु के हैं इसलिए उन्हें कम सजा दी जाय। दूसरी ओर जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता राजू सिंह का कहना था कि दिन दहाड़े किया गया यह जघन्य अपराध है। इसलिए अभियुक्तों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। उन पर अन्य अदालतों में जघन्य अपराध के मुकदमे भी चल रहे हैं।       

न्यायाधीश हरेन्द्र प्रसाद ने सभी अभियुक्तों को धारा 147 आईपीसी में 2 वर्ष का कठोर कारावास व दो हजार का जुर्माना तथा जुर्माना न देने पर चार माह की अतिरिक्त सजा सुनायी। जबकि धारा 148 आईपीसी में 3 वर्ष का कठोर कारावास और तीन हजार का जुर्माना और जुर्माना न अदा करने पर 5 माह की अतिरिक्त सजा, धारा 302/ प149 आईपीसी में प्रत्येक अभियुक्त को सश्रम आजीवन कारावास एवं दस हजार का जुर्माना तथा जुर्माना न अदा करने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा एवं अभियुक्त मुकेश उफर् बिल्ला को धारा 3/25 आयुध अधिनियम के अन्तर्गत इसी वाद में 6 माह का कठोर कारावास एवं दो हजार का जुर्माना और जुर्माना न अदा करने पर दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।       

आदेश के अनुसार अभियुक्त राकेश उर्फ रंगा, मुकेश उर्फ बिल्ला, नीरज, कामेश उर्फ चीनी जिला कारागार में बन्द हैं। उनका सजा का वारन्ट अविलम्ब जेल भेजने को कहा गया है एवं अभियुक्त प्रदीप उर्फ गुलगुला को न्यायाधीश के आदेश पर न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजा गया।

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