Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jul, 2017 04:24 PM
सुप्रीम कोर्ट मानसिक रुप से विक्षिप्त लोगों से अमानवीय व्यवहार को लेकर बहुत ही सख्त है। कोर्ट का आदेश है कि...
गोरखपुरः सुप्रीम कोर्ट मानसिक रुप से विक्षिप्त लोगों से अमानवीय व्यवहार को लेकर बहुत ही सख्त है। कोर्ट का आदेश है कि मानसिक रोगी को सलाखों के अंदर बंद न रखा जाए और इलाज के लिए उसे परिवार के साथ ही रखा जाए, लेकिन एक परिवार एेसा है जो इन निर्देशों से अनजान है। ताजा मामला गोरखपुर का है। जहां एक परिवार ने अपने विक्षिप्त बेटे को इसलिए जंजीरों में जकड़ रखा है क्योंकि उनका बीमार बेटा इधर-उधर भाग जाता है।
जानकारी के मुताबिक 22 वर्षीय दुर्गविजय बचपन से ही मानसिक रुप से विक्षिप्त है। परिजनों ने बताया कि पैसों की तंगी होने के कारण वह किसी बड़े हेल्थ संस्थान से मरीज का इलाज नहीं करवा पा रहे हैं। बाद में जब उनको इलाज को कोई दूसरा रास्ता नहीं दिखा तो उन्होंने उसको बांध कर बेड़ियों में जकड़ दिया।
मरीज को बेड़ियों में बांध कर रखने की वजह चाहे जो भी हो, लेकिन मानवता के आधार पर जरूरत है कि दुर्गविजय के परिवार की काउंसलिंग की जाए और उन्हें कोर्ट के निर्देशों से अवगत कराया जाया।