विधान परिषद चुनावः 13 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन तय

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 16 Apr, 2018 07:04 PM

legislative council elections 13 seats for uncontested election

उत्तर प्रदेश विधान परिषद में 13 सीटों के लिए 13 उम्मीदवारों के ही नामांकन होने की वजह से इस चुनाव में अब निर्विरोध निर्वाचन तय है।  नामांकन के अंतिम दिन आज 12 उम्मी...

लखनऊः उत्तर प्रदेश विधान परिषद में 13 सीटों के लिए 13 उम्मीदवारों के ही नामांकन होने की वजह से इस चुनाव में अब निर्विरोध निर्वाचन तय है।  नामांकन के अंतिम दिन आज 12 उम्मीदवारों ने पर्चे दाखिल किये जबकि एक उम्मीदवार ने 11 अप्रैल को नामांकन पत्र भरा था। पांच मई को 12 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। एक सीट अम्बिक चौधरी के इस्तीफे से रिक्त चल रही थी।

विधान सभा चुनाव
चौधरी समाजवादी पार्टी (सपा) से विधान परिषद के सदस्य थे। उन्होंने विधान सभा चुनाव के ऐन मौके पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सदस्यता ग्रहण कर विधान परिषद से इस्तीफा दे दिया था। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का भी कार्यकाल 5 मई को ही समाप्त हो रहा है, लेकिन उन्होंने विधान परिषद में नहीं जाने का निर्णय लिया। वह 2019 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज सीट से लडऩे की घोषणा कर चुके हैं। रिक्त 13 सीटों के लिए 13 उम्मीदवारों के ही नामाकंन होने की वजह से 19 अप्रैल को निर्विरोध निर्वाचन की औपचारिक घोषणा हो जाएगी। 19 अप्रैल को नाम वापसी का अंतिम दिन है।

नामांकन पत्रों की होगी जांच
इससे पहले मंगलवार नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। नामाकंन दाखिल करने वालों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के डा़ महेन्द्र सिंह, विजय बहादुर पाठक, अशोक कटारिया, डा़ सरोजिनी अग्रवाल, बुक्कल नवाब, मोहसिन रजा, जयवीर सिंह, यशवंत सिंह, अशोक धवन और विद्यासागर सोनकर शामिल हैं, जबकि भाजपा के समर्थन से अपना दल (अनुप्रिया पटेल गुट) के आशीष पटेल ने भी नामांकन पत्र दाखिल किया है। पटेल केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति हैं।

नरेश उत्तम ने पर्चा दाखिल किया
सपा उम्मीदवार के रुप में नरेश उत्तम ने पर्चा दाखिल किया है, जबकि बसपा उम्मीदवार भीमराव अम्बेडकर ने 11 अप्रैल को ही पर्चा दाखिल कर दिया था। इस चुनाव में विधानसभा सदस्य मतदाता होते हैं। भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन (राजग) के 324 विधायक हैं। विधायकों की संख्या के अनुसार राजग 11 उम्मीदवारों को जिताने में सफल होगा। उसके पांच वोट भी बचेंगे।

नितिन अग्रवाल छोड़ चुके हैं पार्टी 
सपा के 47 विधायक हैं, हालांकि इसमें से एक नितिन अग्रवाल पार्टी छोड़ चुके हैं। सपा अपने बल पर एक उम्मीदवार को जिताने में कामयाब रहेगी। उसके 17 वोट बचेंगे। बसपा के 19 विधायक हैं, हालांकि एक विधायक अनिल सिंह राज्यसभा के चुनाव में क्रास वोटिंग कर भाजपा उम्मीदवार को वोट दे दिया था। बसपा अनिल सिंह को निलम्बित कर चुकी है। बसपा उम्मीदवार सपा और कांग्रेस के कुल सात विधायकों के सहयोग से अपने उम्मीदवार को जिताने में सफल रहेगी।

5 मई को सपा के इन नेताओं का कार्यकाल होगा समाप्त
5 मई को सपा के अखिलेश यादव, उमर अली खां, नरेश उत्तम, डा़ मधु गुप्ता, राजेन्द्र चौधरी, राम सकल गुर्जर और डा़ विजय यादव का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। बसपा के डा़ विजय प्रताप और सुनील कुमार चित्तौड़ का भी उच्च सदन में पांच मई अंतिम दिन होगा। भाजपा के डा़ महेन्द्र सिंह और मोहसिन रजा का कार्यकाल भी पांच मई तक है। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के चौधरी मुश्ताक अहमद का कार्यकाल भी पांच मई तक है। इनमें से भाजपा ने डा़ महेन्द्र सिंह और मोहसिन रजा तथा सपा ने नरेश उत्तम को फिर से उम्मीदवार बना दिया है। 


 

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