मिसाल: देश की मिट्टी से प्रेम… लाखों के पैकेज वाली MNC की नौकरी छोड़ी, खेत में उगाई कामयाबी की फसल

Edited By Umakant yadav,Updated: 01 Jun, 2021 10:26 PM

left the job of mnc with a package of lakhs crop of success grown in the field

कौशांबी के एक छोटे से गांव के युवक को अपने देश की मिट्टी से इतना प्रेम हुआ कि उसने लाखों की नौकरी छोड़ दिया और अपने गांव में ही रह कर खेती करने लगा है। युवक विश्व के कई देशों में जाकर मल्टीनेशनल कंपनियों में फाइनेंशियल विभाग में नौकरी की थी। युवक ने...

कौशांबी: यूपी के कौशांबी के एक छोटे से गांव के युवक को अपने देश की मिट्टी से इतना प्रेम हुआ कि उसने लाखों की नौकरी छोड़ दिया और अपने गांव में ही रह कर खेती करने लगा है। युवक विश्व के कई देशों में जाकर मल्टीनेशनल कंपनियों में फाइनेंशियल विभाग में नौकरी की थी। युवक ने परंपरागत खेती से हटकर आधुनिक तरीके से खेती शुरू की। ताकि मुनाफा बढ़िया हो, उसका यह प्रयोग सफल भी हो रहा है। युवक की मेहनत एवं लगन को देखकर अब आस-पास के गांव के किसान भी आधुनिक तरीके से खेती करने की योजना बना रहे हैं। इस दफा उसने ताइवान से तरबूज के बीज मंगवाया और तरबूज की हरी-भरी खेती की है। जिले के लोगों को ताइवानी तरबूजे का स्वाद भी देगा। इसके अलावा कमाई में इजाफा कैसे किया जाए इसके बारे में भी किसानों को अपने अनुभव बताता है। युवक ने भविष्य में स्ट्राबेरी सहित अन्य तमाम फलों एवं सब्जियों की खेती करने की योजना बना ली है। खास बात यह है कि उसने खेती के लिए आसपास के गांव के किसानों से जमीन लीज पर ले रखी है।

मंझनपुर मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव तैयबपुर मंगौरा है। गांव के आकिल ने विश्व की कई मल्टी नेशनल कंपनियों में फाइनेंसियल कार्य देखा है। उसने अमेरिका, लंदन, दुबई, कनाडा सहित कई देशों में रहकर महीने के लाखों रुपए कमाई की थी। इस दौरान आकिल ने इन देशों में जाकर तमाम किसानों से भी मुलाकात की और वह आधुनिक तरीके से खेती कर कैसे बढ़िया कमाई करते हैं। इसके बारे में भी उनसे जानकारी हासिल की। आकिल अपने गांव की मिट्टी को चेक कराने के लिए दुबई भी ले गया। जहां के कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि भारत की मिट्टी में तमाम तरीके की खेती की जा सकती है। यहां की मिट्टी खेती के लिए बहुत ही अनुकूल है। तकरीबन 2 साल पहले वह अपने वतन वापस आया।

आकिल ने अपने गांव सहित आसपास के तमाम गांव के किसानों को परंपरागत खेती करते देखा। उसे अपने देश की मिट्टी से इतना प्यार हुआ कि उसने वापस विदेशों में जाकर नौकरी करने की योजना को समाप्त कर दी और अपने गांव में ही रुक कर आधुनिक तरीके से खेती करने की योजना बना डाली। आकिल ने बताया कि उसने शुरुआती दौर में केले की खेती की। जिसके बाद से बढ़िया मुनाफा हुआ। इस दफा गर्मी के सीजन में ताइवान से तरबूज का बीज मंगवाया और तरबूज की खेती भी मल्चिंग सिस्टम से किया। खेती में पानी की खपत कम हो और पानी बर्बाद भी ना हो, इसके लिए उसने उद्यान विभाग से संपर्क किया तो विभाग ने युवक की मेहनत एवं लगन को देखकर अनुदान पर स्प्रिंकल प्रदान किया।

युवक अपने साथ गांव के तमाम लोगों को खेती के कार्य में लगा के रखा है। ताकि ग्रामीणों को रोजगार के लिए भी न भटकना पड़े। उसके ताइवान के तरबूज की खेती काफी अच्छी है और फल भी अन्य तरबूज की खेतों की अपेक्षा बहुत ही अच्छे आए हैं। हालांकि बारिश की वजह से थोड़ा नुकसान जरूर हुआ है, लेकिन युवक का कहना है कि वह इसकी भरपाई तरबूज की खेती से ही कर लेगा। आकिल ने बताया कि जिले के किसानों को भी आधुनिक तरीके से खेती करना चाहिए। जिससे वह बढ़िया मुनाफा कमा सकें और भारत को भी विश्व के अन्य देशों में आधुनिक खेती के मामले में जाना जा सके।

 

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