Edited By Ajay kumar,Updated: 27 Aug, 2020 08:26 PM
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में राजभवन के सामने प्रदर्शन कर रहे युवा संगठनों के शान्तिपूर्ण अहिंसक प्रदर्शन पर बर्बर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया है।
लखनऊः समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में राजभवन के सामने प्रदर्शन कर रहे युवा संगठनों के शान्तिपूर्ण अहिंसक प्रदर्शन पर बर्बर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया है।
अखिलेश यादव ने गुरूवार को यहां जारी बयान कहा कि कोरोना संकट काल में नीट और जेईई की परीक्षा कराने के भारतीय जनता पाटर्ी(भाजपा) की केन्द्र सरकार के निर्णय न्याय संगत नही है। उन्होंने इसके विरोध में लखनऊ में राजभवन के सामने प्रदर्शन कर रहे समाजवादी पार्टी के युवा संगठनों के शान्तिपूर्ण अहिंसक प्रदर्शन पर बर्बर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। उन्होंने कहा भाजपा की राज्य सरकार का यह कृत्य अलोकतांत्रिक है और असहमति की आवाज को दबाने का संविधान विरोधी कदम है। भाजपा इससे बेनकाब हो गई है।
अखिलेश यादव ने कहा कि राजभवन पर सैकड़ों की संख्या में समाजवादी युवा प्रधानमंत्री को राज्यपाल द्वारा ज्ञापन देने के लिए राजभवन पर एकत्र हुए थे। ज्ञापन में मांग की गई है कि आज के संकट काल में नीट-जेईई परीक्षाएं कराना लाखों की जिन्दगी से खिलवाड़ होगा। ज्ञापन देने गए नौजवानों पर लाठीचार्ज में प्रदेश अध्यक्ष समाजवादी युवजन सभा अरविन्द गिरि, प्रदेश अध्यक्ष मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड अनीस राजा, तथा प्रदेश अध्यक्ष समाजवादी लोहिया वाहिनी डॉ0 राम करन निर्मल को गम्भीर चोटे लगी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने शान्तिपूर्ण प्रदर्शन पर अपनी क्रूरता का नंगानाच कर युवाओं की आवाज को कुचलने का काम किया है। पुलिस ने लक्ष्य बनाकर युवा कार्यकर्ताओं पर अमानुषिक लाठीचार्ज किया है। पुलिस निर्दोषों पर लाठी चलाकर शायद अपने को गौरवान्वित महसूस करती है। भाजपा सरकार के लिए पुलिस लाठीचार्ज सुखी होने का क्षण होता है। इस सरकार को यह अन्यायपूर्ण आचरण मंहगा पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नकारात्मक व हठधर्मी बदले की राजनीति करने वाली भाजपा व उसकी सहयोगी पाटिर्यों के खिलाफ देश में एक नई युवा क्रान्ति जन्म ले रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना व बाढ़ में जबकि बस, ट्रेन बाधित है तो बच्चे दूर-दूर से कैसे परीक्षा केन्द्रों पर पहुंचेंगे। गरीब ग्रामीण ही नहीं बल्कि वे मां-बाप भी पैसा कहां से लाएंगे जिनका रोजगार बाढ़ व कोरोना में छिन गया है। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा गम्भीर हालात में परीक्षा कराने के हठ पर अड़ी है तो उसे परीक्षार्थियों के आने-जाने खाने-पीने व ठहरने का वैसा ही प्रबन्ध करना चाहिए जैसा वे विधायकों की खरीद फरोख्त के समय करती है। भाजपा का यह कथन हास्यास्पद है कि जब दूसरे कामों के लिए लोग घर से निकल रहे है तो वह परीक्षा क्यों नहीं दे सकते। श्री यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार बेरोजगारी से जूझ रहे युवा तथा कोरोना, बाढ़ एवं अर्थव्यवस्था की बदइंतजामी से त्रस्त गरीब, निम्न मध्यम वर्ग युवाओं और अभिभावकों के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कारर्वाई कर रही है।