Edited By Deepika Rajput,Updated: 15 Jul, 2018 02:54 PM
उत्तर प्रदेश में महोबा के जिलाधिकारी ने अवैध खनन की शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए निजी भूमि से बालू खनन के 5 पट्टों को निरस्त कर दिया। इसके अलावा स्वीकृत मात्रा से अधिक खनन पाए जाने पर दस अन्य पट्टाधारकों को नोटिस जारी करते हुए उनसे खनिज राजस्व की...
महोबाः उत्तर प्रदेश में महोबा के जिलाधिकारी ने अवैध खनन की शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए निजी भूमि से बालू खनन के 5 पट्टों को निरस्त कर दिया। इसके अलावा स्वीकृत मात्रा से अधिक खनन पाए जाने पर दस अन्य पट्टाधारकों को नोटिस जारी करते हुए उनसे खनिज राजस्व की वसूली के निर्देश दिए हैं।
जिला खनिज अधिकारी अंजनी कुमार ने बताया कि मोरंग घाट पर निजी भूमि पट्टों में पट्टाधारकों द्वारा तय सीमा क्षेत्र से अधिक भाग में खनन करने की शिकायतों पर जिलाधिकारी सहदेव ने कुलपहाड़ के उपजिलाधिकारी रामहर्ष मौर्य के नेतृत्व में एक टीम गठित कर पट्टास्थलों में हुए खनन की जांच और माप कराई थी। जांच और सर्वे रिपोर्ट में अवैध खनन तथा रॉयल्टी में गड़बड़ी का खुलासा होने पर बराना घाट में 4 ओर नकरा घाट के निजी भूमि के एक खनन पट्टे को निरस्त कर दिया गया है। इसके अलावा इन पट्टों को काली सूची में डालते हुए संबंधित पट्टाधारकों से रिकवरी कराए जाने की नोटिस जारी की गई है।
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी ने स्योंढी घाट के एक, बराना घाट के दो, लखनिया के छह तथा पठा के एक निजी भूमि के पट्टाधारकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने खनन में भारी मशीनों के इस्तेमाल को खनन नीति का उल्लंघन करार देते हुए सभी पट्टाधारकों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जिलाधिकारी ने इसके अलावा सभी पट्टाधारकों के लिए परिवहन प्रपत्र ई एमएम 11 के प्रयोग पर रोक लगा दी है और स्वीकृत क्षेत्रफल से अधिक भाग में खनन करने वाले पट्टाधारकों से भूराजस्व की तरह वसूली के आदेश दिए हैं।