Edited By Ajay kumar,Updated: 19 Nov, 2019 02:19 PM
भारत साधु-संतों का देश है, पुरातन समय से ही साधु,महात्मा समाज को बनाने का कार्य करते आए हैं। पुण्य कर्म करते हुए भी साधु अपना विरोध जताने में पीछे...
फर्रुखाबादः भारत साधु-संतों का देश है, पुरातन समय से ही साधु,महात्मा समाज को बनाने का कार्य करते आए हैं। पुण्य कर्म करते हुए भी साधु अपना विरोध जताने में पीछे नहीं रहते हैं। ऐसे में एक खबर सामने आई है फर्रुखाबाद के ढाईघाट पुल की, जहां साधुओं ने धार्मिक स्थल व आश्रम को जेसीबी से तोड़ने के विरोध में विधायक व प्रधान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इसके विरोध में दो संतों ने अनशन करते हुए अर्द्धसमाधि भी ले ली है।
बताते चलें कि मामला शमसाबाद के ढाई घाट स्थित एक कीमती जमीन का है। जहां भूमाफियाओं ने इस भूमि पर नजर गड़ा दी है। इतना ही नहीं एक विधायक के पेट्रोल पंप का निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया गया है। इसी भूमि पर साधुओं केरू गिरि बाबा व मकसूदन दास की झोपड़ियों को हटा दिया गया है। वहीं द्वारा स्थापित मूर्तियों को भी जेसीबी से हटवा दिया गया। सपा नेता के साथ पहुंचे विधायक समर्थकों ने मूर्तियों के चारों ओर लगाई ईंटों को भी जेसीबी से जमीन में दबवा दिया है। विरोध में हिंदू जागरण मंच के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ताओं नें भी अनशन जारी रखा।
जहां साधु-संतों का आमरण अनशन पांचवे दिन भी जारी रहा। वहीं महंत मकसूदन दास ने कहा कि 72 घंटे में कार्रवाई न होने पर दोनों साधु पूरी समाधि ले लेंगे। अनशन खत्म कराने पहुंचे एसडीएम से भी वार्ता विफल रही। साथ ही साधुओं ने बड़ा आंदोलन करने का भी ऐलान कर दिया गया है।
गुस्साऐ साधुओं का कहना है कि प्रशासन केवल जन प्रतिनिधि को बचाने का काम कर रहा है। हमारा सवाल है कि जब आश्रम में उनके इशारे पर तोड़ फोड़ हुई तो उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। फिलहाल मंदिर को तहस नहस किये जाने व मूर्तियों को खंडित किये जाने से पंचदश अखाड़े के नागा संतों में बहुत गुस्सा है। संतों ने मामले की शिकायत सी एम योगी के दरबार तक पहुँचाई है।