Edited By Anil Kapoor,Updated: 24 Apr, 2020 12:10 PM
कोरोना वायरस को हराने के लिए भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान जोधपुर में कार्यरत अकोला निवासी प्रोफैसर राम प्रकाश शर्मा ने अपनी टीम के साथ नई तकनीक इजाद की है। एम्स जोधपुर ने इसका परीक्षण कर हरी झंडी दे दी है। इस तकनीक के तहत पैराबैंगनी किरणों और....
आगरा: कोरोना वायरस को हराने के लिए भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान जोधपुर में कार्यरत अकोला निवासी प्रोफैसर राम प्रकाश शर्मा ने अपनी टीम के साथ नई तकनीक इजाद की है। एम्स जोधपुर ने इसका परीक्षण कर हरी झंडी दे दी है। इस तकनीक के तहत पैराबैंगनी किरणों और ऑक्सीकारकों की मदद से उरकरणों को सैनिटाइज किया जा सकेगा। इससे मास्क,एप्रेन,पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट किट सहित अन्य उपकरण दोबारा उपयोग में लाए जा सकेंगे।
जानकारी के मुताबिक अकोला के रहने वाले डॉ. राम प्रकाश शर्मा और उनकी टीम ने 15 दिन में उपकरण तैयार किया। इसके बाद जोधपुर में इसका परीक्षण किया गया। इसका पहला परीक्षण एन-95 मास्क के सैनिटाइजेशन में किया गया। यह उपकरण एक दिन में 200 मास्क सैनिटाइज करता है। इससे मास्क में कमी की समस्या दूर हो सकेगी।
परियोजना प्रमुख प्रो, शर्मा ने बताया कि उपकरण को बनाने में डॉ. इंद्रजीत यादव, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के फिजिक्स, इलैक्ट्रिकल, मैकेनिकल व बायो साइंस विभाग ने मिलकर प्रोजैक्ट शुरु किया। उन्होंने बताया कि यह एक एडवांस फोटो कैटाइटिक ऑक्सीडेशन स्ट्रलाइजेशन सिस्टम है, जो पैराबैंगनी विकिरणों और धात्विक ऑक्साइड के नैनों कणों पर आधारित है। इसके अंतर्गत एक असैंबली में पैराबैंगनी विकिरणों का स्त्रोत और एक धात्विक ऑक्साइड के नैनो कणों की परत लगे पैनल समानांतर क्रम में लगाए गए हैं।