Edited By Deepika Rajput,Updated: 22 Jan, 2019 03:13 PM
दुनिया का सबसे बड़े सांस्कृतिक पर्व कुंभ मेले (Kumbh Mela) में कल्पवासी, आध्यात्मिक, श्रद्धालु, तपस्वी एवं कथा वाचक ही नहीं बल्कि चोर और उचक्के श्रद्धालुओं की जेब साफ कर अपना भाग्य आजमाने में जुटे हैं।
प्रयागराजः दुनिया का सबसे बड़े सांस्कृतिक पर्व कुंभ मेले (Kumbh Mela) में कल्पवासी, आध्यात्मिक, श्रद्धालु, तपस्वी एवं कथा वाचक ही नहीं बल्कि चोर और उचक्के श्रद्धालुओं की जेब साफ कर अपना भाग्य आजमाने में जुटे हैं।
एक तरफ जहां आध्यात्म की बयार बह रही है। कथावाचक पंडालों मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम, प्रभु श्रीकृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ भगवतगीता, रामचरितमानस समेत अनेक धार्मिक ग्रंथों में रचित जीवन के सार और सदमार्ग पर चलने को प्रेरित प्रसंगों को श्रद्धालुओं काे समझाने का प्रयास किया जा रहा है। यहां सब का कारोबार चल रहा है। मेले में बहुत ढोंगी बाबा भी अपनी धूनी रमाए हुए हैं। बाबा अपना भविष्य भूल लोगों के भविष्य बताने में तल्लीन रहते हैं। कुछ बाबा तो दर्शन करने और पैर छूने पर भभूत का टिक्का लगाकर पैसा वसूल रहे हैं। यहां जिसकी जैसी नीयत उसकी वैसी बरकत चरितार्थ हो रही है।
मेला क्षेत्र में पैरामिलिट्री फोर्स, सेना, एटीएस एवं अन्य सुरक्षा एजेंसियों को धता बताते हुए अपराधियों का गिरोह श्रद्धालुओं के सामानों पर हाथ सफा कर चुका है। 20 जनवरी को दारागंज क्षेत्र से पुलिस ने टप्पेबाज गिरोह के 15 सदस्याें को गिरफ्तार किया था। इनके पास से 42 हजार रूपये नगद, कैमरा और जेवरात भी बरामद हुए थे। गिरोह के सदस्य तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली से ट्रेन से यहां पहुंचे थे। इनके अलावा पुलिस ने मेला क्षेत्र से 18 चोरों और कुछ महिला शातिर चोरों को गिरफ्तार कर चुकी है।