Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 06 Jan, 2019 12:51 PM
दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम कुंभ से पहले रविवार को तीर्थराज प्रयाग में पहली बार किन्नर अखाड़े की देवत्त यात्रा निकली। देवत्व यात्रा (पेशवाई) रामभवन चौराहे से शुरु हुई। इसमें बडी संख्या में देश के कोने-कोने और विदेश...
प्रयागराजः दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम कुंभ से पहले रविवार को तीर्थराज प्रयाग में पहली बार किन्नर अखाड़े की देवत्त यात्रा निकली। देवत्व यात्रा (पेशवाई) रामभवन चौराहे से शुरु हुई। इसमें बडी संख्या में देश के कोने-कोने और विदेश के किन्नर, अखाड़े के सभी पदाधिकारी और बड़ी संख्या में शिष्य शामिल थे। आचार्य पीठाधीश्वर, पीठाधीश्वर, महंत आदि रथ पर सवार थे। इस दौरान काफी हर्षोउल्लास का माहौल देखा गया।
किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नरायण त्रिपाठी, अखाड़े की पीठाधीश्वर प्रभारी उज्जैन की पवित्रा माई, उत्तर भारत की महामंडलेश्वर भवानी मां, अन्तर्राष्ट्रीय महामंडलेश्वर डा राज राजेश्वरी, जयपुर की मंडलेश्वर पुष्पा माई,दिल्ली की महामंडलेश्वर कामिनी कोहली और पश्चिम बंगाल की मंडलेश्वर गायत्री माई , महाराष्ट्र नासिक की मंडलेश्वर संजना माई समेत बड़ीं संख्या में किन्नरों ने हिस्सा लिया।
पेशवाई के दिल्ली, राजस्थान, हैदराबाद, केरल समेत अमेरिका, हालैंड, फ्रांस आदि स्थानों से आये किन्नरों ने लकझक पेशवाई में शिरकत किया। भारी विरोध के बावजूद पहली बार प्रयागराज में पेशवाई निकालने पर किन्नर अखाड़े के लिए यह बहुत गर्व की बात है।