Edited By Deepika Rajput,Updated: 31 May, 2018 01:22 PM
कैराना-नूरपुर में महागठबंधन के आगे मोदी और योगी का मैजिक बेअसर नजर आया। नूरपुर सीट से सपा प्रत्याशी नईमुल हसन ने जीत हासिल कर बीजेपी को करारी धूल चटाई है। विपक्ष की एकजुटता के आगे भाजपा के सारे हथकंडे फेल हो गए हैं। नईमुल हसन ने 6211 वोटों से नूरपुर...
लखनऊः कैराना-नूरपुर में महागठबंधन के आगे मोदी और योगी का मैजिक बेअसर नजर आया। नूरपुर सीट से सपा प्रत्याशी नईमुल हसन ने जीत हासिल कर बीजेपी को करारी धूल चटाई है। विपक्ष की एकजुटता के आगे भाजपा के सारे हथकंडे फेल हो गए हैं। नईमुल हसन ने 6211 वोटों से नूरपुर विधानसभा सीट पर जीत हासिल की है।
बता दें कि, नईमुल हसन एक कद्दावर नेता माने जाते हैं, वो जामिया मिलिया विवि के छात्र संघ अध्यक्ष भी रह चुके हैं। साल 2017 में भी सपा ने उन्हें इन्हीं सीट से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन तब उन्हें बीजेपी के लोकेंद्र सिंह ने 12000 वोटों से हरा दिया था। हसन को अखिलेश यादव का बेहद करीबी माना जाता है। साल 2012 में भी हसन को नूरपुर से टिकट दिया गया था, लेकिन वो उस वक्त भी हार गए थे। इसके बाद भी अखिलेश यादव ने उन्हें दर्जा प्राप्त मंत्री बनाया था, उनकी पत्नी स्योहरा से नगर पालिका अध्यक्ष रह चुकी हैं।
गौरतलब है कि, बुधवार को वीवीपैट में खराबी की वजह से सहारनपुर की नकुड़ और गंगोह विधानसभा के 68 और शामली के 5 बूथों पर पुनर्मतदान हुआ। 73 बूथों पर हुए पुनर्मतदान में 60 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।