विश्व प्रसिद्ध अयोध्या में इस स्थान को भी जानिए जहां 300 लोगों को बांटी जाती है निशुल्क रोशनी

Edited By Ramkesh,Updated: 09 Oct, 2020 01:13 PM

know where 300 people are distributed free lights

भगवान राम की जन्मस्थली तो पूरी दुनियां में प्रसिद्ध है,परंतु अयोध्या में एक ऐसा भी स्थान है जहां पर 300 लोगों का प्रति दिन निशुल्क नेत्र का इलाज किया जाता है। स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए दीनबंधु नेत्र चिकित्सालय लगभग 20 वर्षो से समाज की निरंत सेवा...

अयोध्या: भगवान राम की जन्मस्थली तो पूरी दुनियां में प्रसिद्ध है,परंतु अयोध्या में एक ऐसा भी स्थान है जहां पर 300 लोगों का प्रति दिन निशुल्क नेत्र का इलाज किया जाता है। स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए दीनबंधु नेत्र चिकित्सालय लगभग 20 वर्षो से समाज की निरंत सेवा कर रहा है।

बता दें कि यह जानना हो तो दीनबंधु नेत्र चिकित्सालय सेवी संस्थान किसी परिचय का मोहताज नहीं रह गया है पर यह पहचान संस्थान की लंबी सेवा और साधना यात्रा के परिणामस्वरूप संभव हुई है। इस अवधि में नेत्र चिकित्सालय में रोगियों की मोतियाबिंद का आपरेशन किया जाता है। संस्थान  रोगियों का परीक्षण, आपरेशन, इलाज, औषधि की सेवा पूर्णतया मुफ्त कर रहा है। जबकि मात्र एक आपरेशन में ही न्यूनतम 1290 रुपये का व्यय आता फिर भी संस्थान के लिए पूर्णतया मुफ्त सेवा कर रहा है।
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संस्थान के प्रबंधन ने बताया कि कर्मचारियों का को बेतन एंव संस्थान का खर्च ज्यादा पड़ रहा था इस कर के आपरेशन के लिए दो सौ रुपये आंशिक योगदान की व्यवस्था की। यद्यपि नेत्र रोगियों के लिए यह अंशदान भी बेहद मुफीद रहा। किसी व्यवसायिक चिकित्सालय में 10 से 20 हजार के मुकाबले मुफ्त या मात्र दो सौ में मोतियाङ्क्षबद के आपरेशन का विकल्प उस वर्ग के लिए स्वागतयोग्य साबित होता रहा है, जिसके लिए पैसे-पैसे का महत्व होता है। जिसने पास पैसे नहीं होते है। परंतु दीनबंधु का विकल्प चुनकर अंधेरे से उजाने को प्राप्त कर रहे है।
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संस्थान की स्थापान गरीब तबगे को दख कर की गई
चिकित्सालय की स्थापना मुख्यतया अभावग्रस्त तबके को ध्यान में रखकर की गई पर सुविधा से कोई समझौता नहीं किया गया। चिकित्सालय में नेत्र चिकित्सा से जुड़ी डेढ़ करोड़ से अधिक की मशीनें, आधा दर्जन साज-सज्जा युक्त विशाल वार्ड, 125 बेड, आधुनिकतम ओटी, छह नेत्र विशेषज्ञ एवं आई सर्जन, 46 अन्य स्टॉफ और भव्य भवन एवं विशाल परिसर है।

महंत नृत्यगोपालदास एवं स्वयंसेवी संस्था कल्याणं करोति का सहयोग
स्वस्थ समाज की रचना से जुड़ी इस विरासत को बुलंद करने का श्रेय शीर्ष पीठ मणिरामदास जी की छावनी के महंत नृत्यगोपालदास एवं ख्यातनाम स्वयंसेवी संस्था कल्याणं करोति के सचिव विमल शर्मा को है। महंत नृत्यगोपालदास चिकित्सालय की जरूरत के हर मौके पर खरे उतरते हैं। करोड़ों का भवन और परिसर प्रदान करने के साथ वे चिकित्सालय में भर्ती मरीजों के लिए खाद्य सामग्री उपलब्ध कराते हैं। साल में इसके लिए वे करीब डेढ़ लाख का सहयोग उपलब्ध कराते हैं। विमल शर्मा चिकित्सालय का प्रबंध के साथ सहयोग एकत्रित करते हैं। सेवा की इस विरासत में कई करोड़ का निवेश अनुमानित है।

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