Edited By Ruby,Updated: 02 May, 2018 02:25 PM
उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इलाहाबाद करछना तापीय परियोजना को निजी क्षेत्र को सौपने के कैबिनेट के निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक प्रमुख...
लखनऊः उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इलाहाबाद करछना तापीय परियोजना को निजी क्षेत्र को सौपने के कैबिनेट के निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक प्रमुख शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि करछना बिजली परियोजना को निजी क्षेत्र को सौंपने जाने से महंगी बिजली मिलेगी जिसका भार आम जनता पर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 1320 मेगावॉट क्षमता की इलाहाबाद जिले की करछना तापीय परियोजना को राज्य विद्युत उत्पादन निगम से वापस लेकर बिडिंग के जरिए निजी क्षेत्र को सौंपने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कैबिनेट के निर्णय का विरोध करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री से पुनर्विचार करने की मांग की है।
दुबे ने कहा कि निजीकरण का निर्णय संघर्ष समिति और प्रमुख सचिव ऊर्जा के बीच गत 05 अप्रैल को हुए लिखित समझौते का उल्लंघन है। यह समझौता ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की मौजूदगी में हुआ था। समझौते में कहा गया था कि कर्मचारियों की सहमति के बिना उत्तर प्रदेश में किसी भी स्थान पर कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा।