कानपुर: 97 करोड़ के पुराने नोट पुलिस के लिए बनी पहेली

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jan, 2018 02:11 PM

उत्तर प्रदेश के कानपुर में 97 करोड़ के पुराने नोट मिले 48 घंटे से ज्यादा हो गए हैं। इस मामले में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जांच एजैंसियां अब भी इस बात का खुलासा नहीं कर पाई हैं कि ये पुराने नोट नए नोटों से कैसे बदले जाने थे।

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में 97 करोड़ के पुराने नोट मिले 48 घंटे से ज्यादा हो गए हैं। इस मामले में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जांच एजैंसियां अब भी इस बात का खुलासा नहीं कर पाई हैं कि ये पुराने नोट नए नोटों से कैसे बदले जाने थे। जांच एजैंसियां अब बेंगलूर के हरि कृष्णा से पूछताछ की तैयारी कर रही हैं। हरि कृष्णा वही है जिसने गिरफ्तार किए गए लोगों को पुराने नोट बदलने का आश्वासन दिया था। जांच एजैंसियों की मानें तो इन पुराने नोटों से नए नोट बदले जाने के बाद उन्हें 40 फीसदी रकम वापस मिलनी थी। एस.पी. पूर्वी अनुराग आर्या ने बताया कि आरोपित के खिलाफ पर्याप्त सबूत एकत्रित किए जा रहे हैं। उसके बाद वे लोग आरोपितों को हिरासत में लेने के लिए कोर्ट जाएंगे। आरोपितों को 30 जनवरी तक हिरासत में रखा जाएगा।

एस.पी. पूर्वी ने बताया कि यह मामला बहुत ही उलझा हुआ है। कई ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब अभी तक नहीं मिल पाए हैं। खास बात यह है कि गिरफ्तार किए गए आरोपितों ने अभी तक उस व्यक्ति के नाम का खुलासा नहीं किया है जिसे नोट बदलकर उन लोगों को लाकर देना था। कुछ आरोपितों का कहना है कि ये पुराने नोट एक बड़ी फर्म के जरिए बदले जाने थे लेकिन उन लोगों ने उस फर्म का नाम नहीं बताया है।

पुलिस ने बताया कि कानपुर के एक वनस्पति विज्ञान के प्रोफैसर संतोष यादव को पुराने नोट कानपुर और लखनऊ से एकत्रित करने थे। उनका नाम भी नोट बदलने वालों में आ रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रियल एस्टेट कारोबारी संजीव अग्रवाल और महेश अग्रवाल पश्चिम बंगाल से जुड़े हैं। दोनों इस नोट बदली के खेल में कमीशन एजैंट के तौर पर काम कर रहे थे। इसी तरह हैदराबाद के कोटेश्वर का नाम आ रहा है। कोटेश्वर बेंगलुर के हरि कृष्णा का एजैंट है। अब जांच एजैंसियों की आगे की जांच हरि कृष्णा पर आकर अटक गई है।

कानपुर में डंप है 200 करोड़ की पुरानी करंसी
आनंद खत्री के घर और दफ्तर से पुरानी करंसी पकड़े जाने की कहानी यहीं खत्म नहीं होती। एक अनुमान के मुताबिक कानपुर में लगभग 200 करोड़ के पुराने नोट डंप पड़े हुए हैं। बस पुलिस सटीक मुखबिरी का इंतजार कर रही है। अफसरों को भरोसा है कि जल्द ही बड़ी संख्या में करोड़ों की पुरानी करंसी और बरामद हो सकती है। सूचना के अनुसार पुलिस जांच आगे बढ़ रही है। कुछ और कारोबारियों के नाम आए हैं। इनमें से कुछ कारोबारी लखनऊ के हैं। पुलिस उनके बारे में भी जानकारी जुटा रही है।

483 करोड़ रुपए का हो सकता है जुर्माना
97 करोड़ रुपए के पुराने नोट रखने के मामले में आरोपी कानपुर के व्यापारी आनंद खत्री को 483 करोड़ रुपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है। खत्री के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा और बैंक नोट्स (देयताओं का समाप्ति) अधिनियम 2017 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस नियम के मुताबिक, पुरानी करंसी रखने पर जेल जाने के साथ बरामद रकम पर 5 गुना आयकर देना होता है। जमा न करने की स्थिति पर इसकी रिकवरी उनकी चल-अचल संपत्ति से किए जाने का प्रावधान है।

बैंक अफसर भी राडार पर
पुलिस अभी तक यह नहीं पता कर पाई कि नोट कहां और कैसे बदले जाने थे। इसका खुलासा इस केस में सबसे अहम जानकारी साबित होगा। छानबीन करने वालों के मुताबिक बैंक अफसरों की मिलीभगत के बगैर करंसी को बदला जाना संभव नहीं था। पुलिस उन बैंकों की भी निगरानी कर रही है जिनमें करंसी चैस्ट मौजूद हैं।

प्रॉपर्टी की जा सकती है अटैच
फिलहाल कानपुर जोन के आई.जी. आलोक सिंह इस मामले को देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम इंकम टैक्स डिपार्टमैंट के अफसरों की भी मदद ले रहे हैं क्योंकि यह मामला आई.पी.सी. और एस.बी.एन. एक्ट के तहत आता है। दोषियों पर कार्रवाई करने ले लिए सबूतों को मजबूत करना पड़ेगा। फाइन की रिकवरी के लिए प्रॉपर्टी अटैच करने पर भी विचार किया जा रहा है।

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