Edited By Deepika Rajput,Updated: 05 Dec, 2018 05:20 PM
इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा राज्य कर्मचारियों की रिटायरमेंट की आयु 60 साल को अमान्य करने के आदेश ने उत्तर प्रदेश के लाखों राज्य कर्मचारियों में की चिंता बढ़ा दी है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने रिटायरमेंट के मसले में राज्य...
लखनऊः इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा राज्य कर्मचारियों की रिटायरमेंट की आयु 60 साल को अमान्य करने के आदेश ने उत्तर प्रदेश के लाखों राज्य कर्मचारियों में की चिंता बढ़ा दी है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने रिटायरमेंट के मसले में राज्य सरकार द्वारा समुचित तथ्य न रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की इस गैर जिम्मेदारी का खामियाजा प्रदेश के कर्मचारी कतई नहीं भोगेगें। सरकार को आगामी सत्र में तत्काल इस मुद्दे पर विधेयक लाकर अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य कर्मचारी संगठनों द्वारा लंबे अरसे से चल रही 62 वर्ष की सेवानिवृत्ति की अवधि बढ़ाने की मांग के चलते सरकार ने ऐसा निर्णय लिया है।
सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की कमजोर तथा सोची समझी पैरवी के तहत ऐसा निर्णय आया है। सरकार को चाहिए कि समय रहते इस मामले में तथ्यों के साथ एसएलपी दायर करे और सत्र में विधेयक लाए।