Edited By Ajay kumar,Updated: 29 Aug, 2020 02:33 PM
एक कार्यदायी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर को अपहरण और धमकी देने के मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व सांसद धनंजय सिंह जेल से रिहा हो गए हैं।
जौनपुर: एक कार्यदायी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर को अपहरण और धमकी देने के मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व सांसद धनंजय सिंह जेल से रिहा हो गए हैं। जौनपुर जेल से छूटने के बाद सैकड़ों समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। दो दिन पहले ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी। बता दें कि 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने धनंजय सिंह व संतोष विक्रम सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। लाइन बाजार पुलिस ने धनंजय सिंह को अगले दिन तड़के उनके कालीकुत्ती स्थित आवास से गिरफ्तार किया।
बता दें कि धनंजय सिंह 27 साल की उम्र में साल 2002 में रारी (अब मल्हनी) विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव जीतकर सबको चौंका दिया था। वह दोबारा इसी सीट पर सपा के टिकट से जीते। फिर धनंजय सिंह बसपा में शामिल हुए। वर्ष 2009 में वह बसपा के टिकट पर जीत दर्ज कर जौनपुर से सांसद हुए। इससे पहले तीन दशक तक जौनपुर की लोकसभा सीट से बसपा नहीं जीत पाई थी।
धनंजय सिंह को बसपा सुप्रमो मायावती ने साल 2011 में पार्टी से निकाल दिया था। बसपा से अलग होने के बाद भी धनंजय सिंह अपने समर्थकों के दम पर राजनीति में खुद को असरदार बनाए रहे। जौनपुर से वर्ष 2014 में निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ा था, मगर हार गए। साल 2017 में धनंजय सिंह मल्हनी सीट से निषाद पार्टी के बैनर से विधानसभा चुनाव लड़े थे, तब दूसरे स्थान पर रहे थे। हालांकि, साल 2019 का लोकसभा चुनाव वह नहीं लड़े।