Edited By Umakant yadav,Updated: 25 Aug, 2021 07:07 PM
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में कथित जल शक्ति मिशन घोटाला लगातार चर्चा में बना हुआ है। आम आदमी पार्टी इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रही है। बुधवार को आप यूपी प्रभारी संजय सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता लखनऊ की सड़कों पर...
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में कथित जल शक्ति मिशन घोटाला लगातार चर्चा में बना हुआ है। आम आदमी पार्टी इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रही है। बुधवार को आप यूपी प्रभारी संजय सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता लखनऊ की सड़कों पर उतर कर अनोखे ढंग से अपना विरोध दर्ज कराया। लखनऊ में बेगम हजरत महल पार्क के सामने मटका फोड़ कर प्रदर्शन किया। वहीं इस प्रदर्शन को मटका फोड़ आंदोलन का नाम दिया गया। आंदोलन के माध्यम से आप पार्टी ने सरकार को भेजते हुए इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
आम आदमी पार्टी के महानगर अध्यक्ष अमित त्यागी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हर विभाग में लगातार भ्रष्टाचार हो रहा है जिसको राज्यसभा सांसद संजय सिंह उजागर करते आ रहे हैं। यूपी सरकार जनता से छल कपट कर रही है अभी आपने देखा होगा कि मुख्यमंत्री आवास से महज कुछ दूरी पर दूषित पानी पीने से कुछ लोगों की जान चली गई तो वहीं सैकड़ों लोग डायरिया की बीमारी से ग्रसित हो गए, उसके बावजूद सरकार की आंखें नहीं खुल रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर इस सरकार ने तत्काल कार्यवाही नहीं की तो हम लोग इसी तरह आंदोलन करते रहेंगे। जलशक्ति मंत्री करोड़ों के घोटाले के खिलाफ जांच नहीं बैठाते है तो इस घोटाले के खिलाफ माननीय न्यायालय भी जाएंगे।
हज़रतगंज कोतवाली में दर्ज हुआ था मुकदमा
लखनऊ में पाइप आपूर्ति घोटाले में जल शक्ति विभाग में आरोप लगाने वाले संजय सिंह के खिलाफ बस्ती से हर्रैया से विधायक अजय सिंह हज़रतगंज थाने में एफआईआर दर्ज करवाया था। अजय सिंह ने आरोप लगाया कि संजय सिंह ने गलत तरीके से नाम लेकर कूट रचित दस्तावेजों के साथ मीडिया को दिखाया था। संजय सिंह द्वारा चेक डैम घोटाले के कागज दिखाकर पाइप आपूर्ति घोटाला बताया गया था।
जलशक्ति मंत्री ने आप के आरोपों को बताया था गलत
लखनऊ में आप सांसद संजय सिंह ने प्रेसवार्ता कर 'मिशन जल जीवन' के महाघोटाले का पर्दाफाश किया था। 30 हजार करोड़ रुपए के इस घोटाले में शामिल मंत्री और अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सीबीआई जांच की मांग की और इसके लिए सरकार को एक हफ्ते का समय दिया था। दूसरे ही दिन सोमवार को जलशक्ति मंत्री सरकार की तरफ से मैदान में उतरे और संजय सिंह के आरोपों को नकारते हुए तमाम कागजों के हवाले से मिशन के कामकाज को जायज ठहराया था।