Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 04 Jan, 2020 04:18 PM
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा ईसाई मिशनरी स्कूलों को लेकर दिए गए विवादित बयान पर एएमयू एमिरेट्स इतिहासकार इरफ़ान हबीब ने कहा कि जितने भी मिशनरी स्कूल भारत में हैं, उनमें आमतौर से पढ़ाई बहुत अच्छी होती है। इसमें कोई शक नहीं है। ईसाई मज़हब में एक...
अलीगढ़ः केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा ईसाई मिशनरी स्कूलों को लेकर दिए गए विवादित बयान पर एएमयू एमिरेट्स इतिहासकार इरफ़ान हबीब ने कहा कि जितने भी मिशनरी स्कूल भारत में हैं, उनमें आमतौर से पढ़ाई बहुत अच्छी होती है। इसमें कोई शक नहीं है। ईसाई मज़हब में एक बात और भी है कि किसी ग़रीब की मदद करने से खुदा बहुत खुश होता है। ये उनके मज़हब की बहुत अच्छी बात है। हमें इस बात की क़द्र करनी चाहिए।
हबीब ने कहा कि रही बात मांस खाने की तो जिन साहब ने इस पर एतराज जताया है, वह जाकर ऋग्वेद को पढ़ लें। देवताओं को जानवरों का मांस दिया जाता था। तो मांस का खाना ऐसी कोई बुरी बात नहीं है और ये बात सरासर गलत है कि मिशनरी स्कूलों में पढ़ने से मांस खाते हैं। वैसे भी स्कूलों में खाना मिलता नहीं है और जहां पर सरकारी हैं वहां पर मांसाहारी खाना नहीं मिलता है। ये सब बेकार की बातें हैं। हमें उनकी क़द्र करनी चाहिए जो काम उन्होंने शिक्षा के लिए किया है।
दरअसल बता दें कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विवादित बयान देते कहा, ''मिशनरी स्कूलों में बच्चे पढ़ लिख कर डीएम, एसपी, इंजीनियर तो बन जाते हैं, लेकिन वही बच्चे जब विदेश जाते हैं तो अधिकतर गौमांस (Beef) को खाते हैं। उन्हें वह संस्कार ही नहीं मिल पाता है। जरूरी है कि बच्चों को बचपन से ही स्कूलों में गीता का श्लोक और हनुमान चालीसा पढ़ाया जाए।''