Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 12 May, 2020 06:05 PM
कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच आगरा में घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां पोस्टमार्टम गृह पर शव बदल गए। न्यू ख्वासपुरा के चांदी कारीगर के शव का अंतिम संस्कार केदार नगर के वृद्ध के परिजनों ने कर दिया....
आगराः कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच आगरा में घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां पोस्टमार्टम गृह पर शव बदल गए। न्यू ख्वासपुरा के चांदी कारीगर के शव का अंतिम संस्कार केदार नगर के वृद्ध के परिजनों ने कर दिया।
दरअसल, आगरा के थाना शाहगंज क्षेत्र के न्यू ख्वासपुरा निवासी 48 वर्षीय चांदी कारीगर की 10 मई को मौत हो गई। सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज के स्टॉफ ने शव को पोस्टमार्टम गृह में भिजवा दिया। शाम को परिजनों को पुलिस ने पोस्टमार्टम हाउस बुलाया और शव सौंप दिया। जो शव सौंपा गया वो शव कारीगर का नहीं था। शव की पहचान केदार नगर निवासी 67 वर्षीय वृद्ध के रूप में हुई और वो कोरोना पॉजीटिव थे। उनके शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया।
वहीं दूसरी तरफ वृद्ध के परिजनों को पुलिस ने बुलाया, उन्हें जो शव सौंपा गया, वो चांदी कारीगर का था। अंतिम संस्कार केदार नगर के वृद्ध के बेटों की मौजूदगी में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत हुआ था। इस कारण शव को नहीं दिखाया गया था। चांदी कारीगर के बेटे का कहना था कि पोस्टमार्टम गृह स्टॉफ की लापरवाही की वजह से वो पिता के शव का अंतिम संस्कार नहीं कर सका।
कोरोना संक्रमित के दोनों बेटे क्वारंटीन हैं। उन्हें पोस्टमार्टम हाउस बुलाया गया था। स्वास्थ्य विभाग की टीम एक शव को अपने साथ गाड़ी से विद्युत शव दाह गृह लेकर पहुंची। बेटों ने दूर से देखा। मगर, कोरोना प्रोटोकॉल में ऐसा ही होता है। वहीं अब पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शव कैसे बदल गए, इसकी जांच कराने और लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई की बात कह रहे है।