Edited By Deepika Rajput,Updated: 17 Mar, 2019 10:26 AM
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) को 2020 एवं आगे होने वाली हाईस्कूल और इंटरमीडियेट परीक्षाओं के अंकपत्र में अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी नाम लिखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अंग्रेजी के नामों की स्पेलिंग दो...
प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी बोर्ड को 2020 एवं आगे होने वाली हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के अंक पत्र में अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी नाम लिखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अंग्रेजी के नामों की स्पेलिंग दो तरीके से लिखी होने के कारण यह आदेश दिया।
न्यायाधीश अशोक कुमार ने मनीष द्विवेदी की याचिका पर उसके हाईस्कूल और इंटर के अंक पत्रों के नाम दुरुस्त करने का भी निर्देश दिया है और कहा कि जरूरी होने पर नियमों में संशोधन किया जाए। याचिका पर राज्य सरकार के अधिवक्ता राहुल मालवीय ने सरकार का पक्ष रखा। हिंदी में सुनाए गए फैसले में कोर्ट ने कहा कि भारतीय संविधान में राजभाषा हिंदी में सरकारी कामकाज करने की व्यवस्था दी गई है।
हिंदी को पूर्ण रूप से स्थापित होने तक 15 वर्षों के लिए अंग्रजी भाषा में कामकाज की छूट दी गई थी और यह आज तक जारी है। कोर्ट ने हिंदी को बढ़ावा देने के लिए राजभाषा नीति के तहत हिंदी में सरकारी काम करने पर बल दिया।