Edited By Ajay kumar,Updated: 29 Oct, 2019 02:18 PM
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद यूरोपियन संघ के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल को पर्वतीय राज्य के दौरे की इजाजत देने के केन्द्र सरकार के फैसले पर सवालिया निशान लगाते हुये बहुजन समसज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष...
लखनऊ: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद यूरोपियन संघ के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल को पर्वतीय राज्य के दौरे की इजाजत देने के केन्द्र सरकार के फैसले पर सवालिया निशान लगाते हुये बहुजन समसज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा कि विदेशी सांसदो के बजाय विपक्षी दलों के नेताओं को घाटी जाने की अनुमति बेहतर निर्णय साबित होता।
मायावती ने ट्वीट किया ‘‘ संविधान की धारा 370 को समाप्त करने के उपरान्त वहाँ की वर्तमान स्थिति के आकलन के लिए यूरोपीय यूनियन के सांसदों को जेके भेजने से पहले भारत सरकार अगर अपने देश के खासकर विपक्षी पाटिर्यों के सांसदों को वहाँ जाने की अनुमति दे देती तो यह ज्यादा बेहतर होता। ''
गौरतलब है कि 31 अक्टूबर से जम्मू कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेशों की सूची में शामिल हो जायेगा। यूरोपीय संघ के सांसदों के एक दल ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से अलग-अलग मुलाकात की थी। श्री मोदी ने साफ किया था कि सीमा पार से संचालित आतंकवाद से निपटने के लिये अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला जरूरी हो गया था। सांसदों के दल में पोलैंड, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली,जर्मनी,चेकोस्लवाकिया, बेल्जियम, स्पेन और स्लोवाक के सांसद शामिल थे। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पहली बार भारत किसी विदेशी दल को कश्मीर जाने की इजाजत दे रहा है।