Edited By Deepika Rajput,Updated: 29 Sep, 2018 09:38 AM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकारें फतवों से नहीं बल्कि बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के बनाए गए संविधान से चलती है।
गोरखपुरः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकारें फतवों से नहीं बल्कि बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के बनाए गए संविधान से चलती है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बाबा साहेब ने भारत का जो संविधान हमें दिया है वह उसी भारत के निर्माण का आधार है जैसा हम चाहते हैं। इसलिए भारत और भारत की व्यवस्था संविधान से चलेगी किसी फतवें से नहीं। ऋषि एवं संत परम्परा ने जिस भारत की परिकल्पना प्रस्तुत की है उसे हम संविधान में देख सकते हैं। भारतीय संस्कृति में छुआछूत एवं ऊचनीच जैसे किसी भेदभाव को स्थान प्राप्त नहीं है और यही बात भारत का संविधान भी कहता है।
उन्होंने कहा कि गोरखनाथ मंदिर में सभी पंथों के योगी-महात्मा रहते हैं। दोनों ब्रह्मलीन महंत ने हिंदुत्व को ही गोरखनाथ मंदिर का वैचारिक अधिष्ठान बनाया। ब्रहमलीन दिग्विजयनाथ एवं महंत अवैद्यनाथ का मानना था कि भारत को यदि भारत बने रहना है तो इसकी कुंजी सनातन हिंदू धर्म एवं संस्कृति में है। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में भी तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने का आरोप लगा।
उन्होंने कहा कि चैरी-चैरा कांड में महंत दिग्विजयनाथ को आरोपित किया गया। ये घटनाएं इस बात की प्रमाण है कि गोरक्षपीठ ने उस सन्यासी परम्परा का अनुशरण किया जो मानती रही है राष्ट्रधर्म ही हमारा धर्म है। राष्ट्र की रक्षा भी सन्यासी का प्रथम कर्तव्य है। गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वरों द्वारा प्रारम्भ की गई यह परम्परा आगे भी निरन्तर चलती रहेगी।
बता दें कि, मुख्यमंत्री योगी गोखनाथ मंदिर में महंत दिग्विजयनाथ की 49वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की चतुर्थ पुण्यतिथि समारोह के तहत आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बोल रहे थे।