औरैया में फिर टिड्डी दल ने दी दस्तक, थाली, घंटी, ढोल, बजा कर खदेड़ा

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 10 Jul, 2020 06:04 PM

in auraiya grasshopper team knocked platter bell drum chanted

उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में शुक्रवार सुबह अचानक बिधूना क्षेत्र के दर्जनों गांवों में टिड्डियों ने मड़राना शुरू कर दिया और किसानों ने ड्रम, थाली, घंटी, ढोल, डीजे आदि बजाकर उन्हें वहां ठहरने का मौका दिए बिना कन्नौज की ओर खदेड़ दिया। सूत्रों के अनुसार...

औरैयाः उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में शुक्रवार सुबह अचानक बिधूना क्षेत्र के दर्जनों गांवों में टिड्डियों ने मड़राना शुरू कर दिया और किसानों ने ड्रम, थाली, घंटी, ढोल, डीजे आदि बजाकर उन्हें वहां ठहरने का मौका दिए बिना कन्नौज की ओर खदेड़ दिया। सूत्रों के अनुसार टिड्डी दल के कारण कई गांवों में फसलों, पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाने की जानकारी है। इससे पूर्व गुरुवार शाम टिड्िडयों ने अजीतमल क्षेत्र के दर्जनों गांवों में फसलों एवं पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाया है। ग्रामीणों ने ड्रम, थाली, घंटी, ढोल, पिपिहरी आदि बजाकर उन्हें भगाने का प्रयास किया लेकिन उसी समय बारिश शुरू हो जाने से उनके द्वारा ठहराव कर जाने से पेड़-पौधों और फसलों का 30 प्रतिशत तक नुक्सान होना बताया गया है।        

उन्होंने बताया कि करीब दस किलो मीटर इलाके में फैला टिड्डी दल शुक्रवार सुबह ही बिधूना क्षेत्र के गांव कैथावा, उसराहा, मुडियाई, अलीपुर, पलिया, डोंडापुर, ताजपुर, खरगपुर, बंथरा, पुसौली, भानूपुर, सावलिया, बसई, कीरतपुर, बेलपुर, रौनहां, रौंदापुर, कस्बा बिधूना, चन्दरपुर, बमरौलिया, दलापुर्वा, भदसिया, गुलरियापुर्वा, विश्नूपुर्वा, भिखरा, सरैया, बिकूपुर, रामपुर वामपुर, सराय प्रथम, पसुआ, कटरा, पुर्वा पीताराम, पण्डपुर, मलिकपुर, रुरुकलां, साहूपुर, जुगराजपुर, मिश्रीपुर, उड़ेलापुर, चंदैया, एली, पुर्वा भारामल, पुर्वा भदौरियन, मुग्गपुर, बराहार, सोहनी, बरुआ, रुरुखुर्द, कछपुरा आदि पर मड़राना शुरू कर दिया । इन गांवों में भी उन्होंने फसलों और पेड़ पौधों को काफी नुकसाना किया। हालांकि जागरूक किसानों ने ड्रम, थाली आदि बजाकर एवं पटाखे फोड़े और करीब एक घंटे बाद टिड्डी दल कन्नौज जिले की ओर बढ़ गया। इस दौरान टिड्डी दल ने किसानों की सब्जियों, मक्का, धान, ढेंचा, जानवरों के चारा आदि फसलों व पैड़ पौधों को काफी नुकसान भी पहुंचाया है।  

किसानों को आरोप है कि इस बार जिला प्रशासन व कृषि विभाग द्वारा इसके बचाव के लिए न/न तो कोई पहले अलर्ट जारी किया गया और न ही रात्रि में टिड्िडयों के मारने या भगाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। जिसके कारण किसानों की लगभग 30 प्रतिशत फसलों और पेड़ पौधों को नुकसान हुआ है।

गौरतलब है कि इससे पहले जिले में 28 व 30 जून को भी टिड्डी दल ने हमला बोला था और इटावा की ओर से टिड्डी दल ने अछल्दा क्षेत्र के दर्जनों गांवों में फसलों को नुकसान पहुंचाया था। वहीं 30 जून को कानपुर देहात की ओर से आये टिड्डी दल ने सहार, रामगढ़ व अछल्दा क्षेत्र में उड़ान भरी थी। हालांकि सजग प्रशासन और किसानों ने टिड्डी दल को पेड़ों, फसलों व खेतों पर नहीं बैठने दिया। सजगता से आसमान में ही उड़ान भरने को मजबूर टिड्डी दल ने इटावा के ताखा की ओर अपना रुख कर लिया था इसके बाद किसानों ने राहत की सांस ली। 

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