Edited By Anil Kapoor,Updated: 24 Jan, 2019 02:41 PM
पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी (SP) सरकार के दौरान कथित रूप से हुए खनन घोटाले में आरोपी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी और हमीरपुर की पूर्व जिलाधिकारी बी चंद्रकला गुरूवार को प्रर्वतन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश नहीं हुई।
लखनऊ: पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी (SP) सरकार के दौरान कथित रूप से हुए खनन घोटाले में आरोपी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी और हमीरपुर की पूर्व जिलाधिकारी बी चंद्रकला गुरूवार को प्रर्वतन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश नहीं हुई। ईडी ने हमीरपुर की तत्कालीन जिलाधिकारी को नोटिस जारी कर आज पेश होने को कहा था लेकिन शैक्षणिक अवकाश पर चल रही बी चंद्रकला के स्थान पर उनके वकील एस अहमद साउद लखनऊ में ईडी के दफ्तर पहुंचे और निदेशालय द्वारा मांगे गए जरूरी दस्तावेजों को अधिकारियों के हवाले किया। बाद में अहमद ने पत्रकारों को बताया कि ईडी ने जिन दस्तावेजों की मांग उनके मुवक्किल से की थी, उन्हे आज सौंप दिया गया है। उनकी मुवक्किल कुछ समय बाद इस मामले में ईडी के सामने पेश हो सकती है।
उधर, ईडी अब आईएएस अधिकारी को निजी तौर पर पेश होने के लिए एक और समन भेजने की तैयारी कर रहा है। अवैध खनन के मामले में ईडी ने बी चंद्रकला और समाजवादी पार्टी (सपा) के विधान पार्षद समेत 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जांच एजेंसी पहले ही इन सभी को पूछताछ के लिए पेश होने का समन जारी कर चुकी है। सूत्रों के अनुसार ईडी ने आईएएस अधिकारी की चल अचल संपत्ति से संबधित दस्तावेजों की मांग की थी जिसे आज उनके वकील ने सौंप दिया। चंद्रकला के वकील ने हमीरपुर जिले के 22 खनन पट्टों के दस्तावेज भी ईडी के सामने पेश किए। फिलहाल ईडी के अधिकारी सभी दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। पूछताछ के लिए ईडी ने सपा पार्षद रमेश मिश्र को भी 28 जनवरी को तलब किया है।
उल्लेखनीय है कि अवैध खनन से जुड़े इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछली 2 जनवरी को आईएएस और सपा नेता समेत 11 लोगों के आवास और अन्य ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। चंद्रकला पर आरोप है कि वर्ष 2012 में हमीरपुर की जिलाधिकारी के तौर पर उन्होने नियमों को ताक में रखकर खनन के लाइसेंस जारी किए और अवैध खनन को बढ़ावा दिया।