Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Apr, 2018 07:36 AM
बसपा अध्यक्ष मायावती ने केन्द्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारों पर दलित प्रेम का ढोंग रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम को लेकर अगर केन्द्र की नीयत वाकई साफ है तो उसे न्यायालय के फैसले का इंतजार करने की बजाय....
लखनऊ: बसपा अध्यक्ष मायावती ने केन्द्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारों पर दलित प्रेम का ढोंग रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम को लेकर अगर केन्द्र की नीयत वाकई साफ है तो उसे न्यायालय के फैसले का इंतजार करने की बजाय अधिनियम को प्रभावी बनाने के लिए अध्यादेश जारी करना चाहिए।
मायावती ने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दलित प्रेम मात्र छलावा है। इन दोनों नेताओं ने दलितों के हित में कुछ भी नहीं किया है। भाजपा सरकारे आंबेडकर जयंती दिखावे के लिए मना रही है। सिर्फ बाबा साहब के नाम योजनाएं शुरू करने और उनसे जुड़े स्मारकों के उद्घाटन से दलितों का विकास नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम का असर कम हो गया है। 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई है। अगर केन्द्र की नीयत वाकई साफ है तो उसे न्यायालय के फैसले का इंतजार करने की बजाय अधिनियम को प्रभावी बनाने के लिए मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर अध्यादेश जारी करना चाहिए।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में एससी/एसटी एक्ट के मामले में सही पैरवी नहीं की। इससे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दलितों के प्रति नियत साफ नहीं है। सरकार आंबेडकर जयंती मनाने का ढोंग न करे बल्कि उनके लिए काम करे तो बेहतर होगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा को बाबा साहब के अनुयायियों के उत्थान की दिशा में ईमानदारी से काम करना चाहिए, तभी वह दलितों के दिल में कुछ जगह बना सकती है। मायावती ने केंद्र सरकार से दलित व आदिवासियों के लिए अध्यादेश लाने की मांग की। योगी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब से उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार आई है तभी से यहां की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।