Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 27 May, 2020 12:32 PM
कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन में कुछ लोगों को अमानवीय व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। इसकी ताजा उदाहरण नोएडा में देखने को मिली है। जहां एक अस्पताल ने डिलीवरी के बाद प्रसूता और उसके नवजात शिशु को डिस्चार्ज कर दिया। ऐसे में...
नोएडाः कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन में कुछ लोगों को अमानवीय व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। इसकी ताजा उदाहरण नोएडा में देखने को मिली है। जहां एक अस्पताल ने डिलीवरी के बाद प्रसूता और उसके नवजात शिशु को डिस्चार्ज कर दिया। ऐसे में एंसुलेंस के बिना प्रसूता का पति नवजात शिशु और पत्नी को लेकर बाइक पर भटकता रहा, लेकिन उसे मदद नहीं मिली। ऐसे में नवजात ने बाइक पर ही दम तोड़ दिया।
जानिए क्या है मामला
दरअसल, नोएडा के सेक्टर 36 में रहने वाले राजकुमार नाम के शख्स ने अपनी गर्भवती बीवी रेखा को ग्रेटर नोएडा के कृष्णा लाइफ लाइन अस्पताल में 25 मई को भर्ती करवाया था, सोमवार रात करीब साढ़े 9 बजे अस्पताल में राजकुमार की पत्नी रेखा ने एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चे की तबियत बिगड़ने पर अस्पताल ने प्रसूता और नवजात को किसी और अस्पताल में ले जाने को कहा।
ऐसे में एंबुलेंस नहीं मिली तो उसके परिजन बाइक से ही इलाज कराने के लिए दौड़ने लगे लेकिन नवजात शिशु ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। यह शिशु स्वस्थ ही पैदा हुआ था लेकिन बाद में उसकी तबीयत खराब हो गई। नवजात के इलाज के लिए पिता रात 10 बजे से 4 बजे तक कई हॉस्पिटलों के चक्कर लगाता रहा, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। 4 बजे के बाद डॉक्टरों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया।
इतनी परेशानी झेलने के बाद और अपना बच्चा खोने के बाद रोते हुए राजकुमार नाम के शख्स ने वीडियो बनाया और बदहाल अस्पतालों की व्यवस्था की पोल खोलने के लिए वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया और जो वायरल हो गया। वहीं इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया और सीएमओ ने कहा कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। नोएडा के सीएमओ ने जांच में कहा कि हॉस्पिटल को नोटिस दिया गया है और कड़ी कार्रवाई की जा रही है।