इटावा: होली पर पहले जैसी अब नहीं दिखती फाग की फुहारें

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 20 Mar, 2019 06:02 PM

holi festival in etawah

होली का त्योहार आते ही कभी ढोलक की थाप तथा मंजीरों पर चारों ओर फाग गीत गुंजायमान होने लगते थे, लेकिन बदलते परिवेश में ग्रामीण क्षेत्रों की यह परंपरा लुप्त सी हो गई है। एक दशक पूर्व तक माघ महीने से ही गांव में फागुनी आहट दिखने लगती थी, लेकिन आज...

इटावाः होली का त्योहार आते ही कभी ढोलक की थाप तथा मंजीरों पर चारों ओर फाग गीत गुंजायमान होने लगते थे, लेकिन बदलते परिवेश में ग्रामीण क्षेत्रों की यह परंपरा लुप्त सी हो गई है। एक दशक पूर्व तक माघ महीने से ही गांव में फागुनी आहट दिखने लगती थी, लेकिन आज के दौर में गांव फागुनी महफिलों से अछूते नजर आ रहे हैं। फागुन महीने में शहरों से लेकर गांवों तक में फाग गाने और ढोलक की थाप सुनने को लोगों के कान तरस रहे हैं।
PunjabKesari
पुरानी संस्कृतियों को सीखना नहीं चाहती युवा पीढ़ी
महाशिवरात्रि का पर्व आते-आते फाग गीतों की धूम मचती थी। ढोल मंजीरे व करताल की आवाजों के बीच फगुआ के गाने गूंजते थे, लेकिन आज भेदभाव व वैमन्शयता के चलते अब त्योहारों के भी कोई मायने नहीं रह गए हैं। इटावा ब्रज क्षेत्र में आता है और यहां पर उसी परंपरा के अनुसार त्योहार भी मनाए जाते हैं, लेकिन अब धीरे-धीरे सिर्फ परंपराओं का निर्वाहन मात्र किया जा रहा है। आज होली पर फाग गायन नहीं बल्कि फिल्मी गीत चारों ओर सुनाई देते हैं।
PunjabKesari
लोगों का मानना है कि टीवी की मनोरंजन संस्कृति के चलते जहां पुरानी परंपराएं दम तोड़ रही है। वहीं आज की युवा पीढ़ी पुरानी संस्कृतियों को सीखना नहीं चाहती है। यही कारण है कि होली के त्योहार पर फाग गायन अब धीरे-धीरे खत्म सा होता जा रहा है।
PunjabKesari
होली के त्योहार पर फाग गायन का विशेष महत्व होली के त्योहार पर फाग गायन का विशेष महत्व है। फाग गायन संगीत की एक विशेष कला है। जिसमें रागों के साथ ताल का भी मेल होता है। जहां गांवों में लंगड़ी व अन्य प्रकार की फाग गाई जाती है। आज विरज में होरी रे रसिया, वह आए नंद के लाल, मथुरा में केसर बह आई, मोरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसों चटक रंग डारों, रंग डारो न हम पे पडू पईया, होली खेलन आयो रे घन श्याम, फाग खेलन बरसाने में आये हैं नटवर नन्द किशोर, मिलन सुदामा आए है, श्याम ने बिन पूछे धरी होरी राग व ताल के साथ ढोलक जैसे बाद्य यंत्रों की धुनों पर किया जाता है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!