Edited By Ajay kumar,Updated: 20 Jul, 2019 08:49 AM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि छुट्टा पशुओं को बन्द करने के लिए अभी तक कितने पशु आश्रय स्थल बनाये गए है।
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि छुट्टा पशुओं को बन्द करने के लिए अभी तक कितने पशु आश्रय स्थल बनाये गए है। न्यायालय ने नगर निगम से भी जवाब मांगा है कि इन जानवरों को पकड़ने की क्या व्यवस्था है ।
यह आदेश न्यायमूर्ति पी के जायसवाल एवं न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने याची देवेंद्र कुमार की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए है । याचिका दायर कर कहा गया कि प्रदेश में छुट्टा जानवरों की वजह से काफी दिक्कत हो रही है । कहा कि जानवर हिंसक हो उठते है तथा लोगों को घायल कर देते है । इस मामले में अदालत ने पहले भी जानकारी मांगी थी।
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही एवं स्थाई अधिवक्तता कमर हसन रिज़वी ने बताया कि जानवर आश्रय स्थलों के लिए फंड रिलीज कर दिया गया है । कहा कि जानवरो को पकड़ने की जिम्मेवारी नगर निगमो की है। मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।