Edited By Ruby,Updated: 07 Apr, 2018 06:20 PM
सिद्धार्थनगर जिले में किसान भगवान भरोसे ही है ऐसा कहना गलत न होगा। दरअसल जिले में हर वर्ष बाढ़ और आग का कहर किसान झेलते हैं। इतना ही नहीं अपनी मेहनत की उपज बरबाद होने का तमाशा अपनी आंखो से ही देखकर कुछ भी कर पाने में असहाय भी महसूस करते हैं। जानकारी...
सिद्धार्थनगरः सिद्धार्थनगर जिले में किसान भगवान भरोसे ही हैं ऐसा कहना गलत न होगा। दरअसल जिले में हर वर्ष बाढ़ और आग का कहर किसान झेलते हैं। इतना ही नहीं अपनी मेहनत की उपज बर्बाद होने का तमाशा अपनी आंखो से ही देखकर कुछ भी कर पाने में असहाय भी महसूस करते हैं।
जानकारी के मुताबिक मामला डुमरियागंज थाना के रेघरवा गांव का है। यहां सीवान में भीषण गर्मी के कारण से खेतों में आग लग गई। किसानों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी, लेकिन दमकल की गाड़ियों की समुचित व्यवस्था जिले में न होने से मौके पर कोई नहीं पहुंच पाया। वहीं किसानों के खून पसीने की कमाई प्रशासन की लापरवाही के चलते मिट्टी में मिल गई। जिसके बाद किसानों ने आनन-फानन में किसी तरह से आग पर काबू पाया।
किसानों की मानें तो इस दुर्व्यवस्था को जिले के लोग काफी समय से झेलते आ रहे हैं। हर बार जिम्मेदार समुचित व्यवस्था की बात तो करते है पर आग लगने पर इनके दांवों की पोल खुल जाती है। किसानों का कहना है कि जिले के जनप्रतिनिधि भी इस समस्या के स्थाई निराकरण की बात तो करते हैं और हर तहसील मुख्यालय पर फायर स्टेशन स्थापना की बात भी होती है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है।
वहीं जिले में जिला मुख्यालय और डुमरियागंज में ही फायर स्टेशन है। इन पर भी जरूरत के अनुसार कर्मचारी नहीं है। जिसके चलते जिले में हर वर्ष हजारों एकड़ फसल आग से एेसे ही जलकर बर्बाद होती है। वहीं पीड़ित किसान की मानें तो यह किसी शरारती तत्वों द्वारा आग लगाई गई है।