स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी 35 हजार की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

Edited By Ajay kumar,Updated: 16 Dec, 2019 01:54 PM

health education officer caught red handed taking bribe of 35 thousand

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भ्रष्टाचार के खिलाफ विजलेंस ने बड़ी करवाई करते हुए एक स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी को 35 हज़ार की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। सीएमओ प्रयागराज ऑफिस में तैनात पंकज कुमार...

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भ्रष्टाचार के खिलाफ विजलेंस ने बड़ी करवाई करते हुए एक स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी को 35 हज़ार की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। सीएमओ प्रयागराज ऑफिस में तैनात पंकज कुमार पाण्डेय नाम के इस अधिकारी ने एक पॉली क्लीनिक के लाइसेंस के बदले 70 हज़ार रुपये की मांग की थी। जिसकी शिकायत पीड़ित ने विजलेंस से की जिसके बाद विजलेंस ने ट्रैप लगाकर आरोपी को 35 हज़ार रुपये की घूस लेते धर दबोचा।

बता दें कि एसपी विजलेंस के मुताबिक सीएम योगी की ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ करवाई के क्रम में ये करवाई की गई है। एसपी विजिलेंस के मुताबिक पूरे मामले की जांच आगे भी जारी है। ये भी जांच की जा रही है कि भ्रष्टाचार के इस मामले में पंकज पाण्डेय केवल एक छोटी मछली है या बड़े अधिकारी भी इसमें शामिल हैं। वहीं क्या क्लीनिक और नर्सिंग होम का लाइंसेंस केवल एक स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी की कलम से होता है इसकी भी जांच की जा रही है। अगर इसमें कोई बड़ा अधिकारी भी दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ भी सख्त करवाई होगी।
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पूरे मामले में गिरफ्तार किये गये स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी पंकज पाण्डेय अपने बचाव में साजिश की बात कर रहा है। उसका कहना है बीते कुछ समय मे उसने 20 नर्सिंग होम का लाइसेंस निरस्त किया है और इस मामले में शिकायतकर्ता के खिलाफ भी लाइसेंस के निरस्तीकरण की करवाई की थी। जिसके बाद सुनियोजित साजिश के तहत उसे फंसाया गया है। फिलहाल इस पूरे मामले से कम से कम ये तो जाहिर होता ही है कि स्वास्थ्य जैसे जरूरी और अहम महकमे में भी भ्रष्टाचार हावी है और यहां पैसे लेकर प्राइवेट नर्सिंग होम और क्लीनिक का लाइसेंस देकर लोगों की जांच से खिलवाड़ का खेल भी होता है।
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एसपी विजलेंस शैलेश यादव ने बताया कि एक स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी पंकज कुमार पांडेय हैं जो वर्तमान में सीएमओ इलाहाबाद कार्यालय में कार्यरत हैं। इनके बारे में राजकुमार गुप्ता द्वारा शिकायत मिली थी जो प्रतापगढ़ के निवासी हैं। उन्होंने पाली क्लीनिक के लिए अप्लाई किया था जिसमें इनके द्वारा 70 हजार रूपये की मांग की गई थी। इस सूचना की जांच नियमा अनुसार हमारे द्वारा कराई गई। जांच में पाया गया कि पंकज पांडेय की आमस्वारत अच्छी नहीं है। इनके द्वारा पहले भी ऐसा कृत किया जा चुका है।

एसपी ने बताया कि इसी क्रम में हमारे द्वारा वादी से पैसा लेकर नियुक्त विजलेंस की टीम और जिला अधिकारी द्वारा नियुक्त किए गए दो स्वतंत्र साक्षी जो राजकीय अधिकारी थे साथ गए। उनकी मौजूदगी में ऐ टेप किया गया कि अधिकारी 35 हजार रूपये लेते रंगे हांथों गिरफ्तार किए गए। वहीं यादव ने कहा कि इसकी जांच आगे भी जारी है। इसमें देखा जा रहा है कि पैसे को लेकर किसकी और भी हिस्सेदारी है। इसमें जो भी ऊपर के अधिकारी जांच के दायरे में आएंगे सब के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।  

 

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