Edited By Umakant yadav,Updated: 24 Oct, 2020 08:26 PM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बदायूं की भारतीय जनता पार्टी की सांसद संघमित्रा मौर्या के चुनाव की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर जिला निर्वाचन अधिकारी से पत्रावली तलब की है। यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश...
प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बदायूं की भारतीय जनता पार्टी की सांसद संघमित्रा मौर्या के चुनाव की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर जिला निर्वाचन अधिकारी से पत्रावली तलब की है। यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने समाजवादी पार्टी प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव व दिनेश कुमार की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है।
न्यायालय ने धर्मेन्द्र यादव के अधिवक्ता को दाखिल गवाहों की सूची रिकार्ड के साथ पेश करने का आदेश दिया है। संघमित्रा के वकील ने कहा कि वह बचाव में कोई गवाह पेश नहीं करना चाहते। याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रत्याशी दिनेश कुमार का नामांकन गलत तरीके से निरस्त किया गया है। यदि त्रुटि थी तो स्क्रूटनी के समय सुधारने का मौका देना चाहिए था। दूसरे कुल पड़े वोट से आठ हजार वोट अधिक गिना गया है। जिसका कोई लेखा नहीं है।
आरोप है कि मौर्या ने अपने पति की स्थिति व संपत्ति का व्योरा हलफनामे में नहीं दिया है। चुनाव नामांकन पत्र में पति के बजाए अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम लिखा है। जबकि अभी तक तलाक नहीं हुआ है। याचिका पर सुनवाई 4 नवम्बर को होगी।