Edited By Umakant yadav,Updated: 19 Sep, 2020 01:32 PM
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद तिवारी व परियोजना निदेशक को अवमानना नोटिस जारी की है और पूछा है कि क्यों न उन्हें कोर्ट की अवमानना के लिए दंडित किया जाए। कोर्ट ने...
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद तिवारी व परियोजना निदेशक को अवमानना नोटिस जारी की है और पूछा है कि क्यों न उन्हें कोर्ट की अवमानना के लिए दंडित किया जाए। कोर्ट ने 23 नवंबर तक दोनों अधिकारियों से जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता ने भदोही के अनुदेशक आशुतोष शुक्ल की अवमानना याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि अनुदेशको को मानदेय के रूप में 8 हजार रूपये दिये जा रहे है जबकि केन्द्र सरकार ने मानदेय बढ़ा कर 17 हजार प्रतिमाह कर दिया है। राज्य सरकार इस आदेश का पालन नही कर रही है। इस पर याचिका दाखिल की गयी।
कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए केन्द्र सरकार के आदेश का पालन कर निर्णय लेने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका पर कोर्ट ने छ: हफ्ते में पालन का निर्देश दिया। फिर भी कोर्ट के आदेश की अवहेलना की गयी तो दुबारा यह अवमानना याचिका दाखिल की गयी है।