Edited By Umakant yadav,Updated: 27 Aug, 2020 11:20 AM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के लापता छात्र के मामले में वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को निजी हलफनामा दाखिल करने का मंगलवार को निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश...
प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के लापता छात्र के मामले में वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को निजी हलफनामा दाखिल करने का मंगलवार को निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति एसडी सिंह की पीठ ने एसएसपी को सुनवाई की अगली तारीख 3 सितंबर को अदालत में हाजिर रहने का भी निर्देश दिया।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व इस अदालत ने बीएचयू से लापता हुए एक छात्र के संबंध में मुख्य न्यायाधीश को लिखे गए एक पत्र को संज्ञान में लिया था। यह छात्र छह महीने पहले कथित तौर पर पुलिस हिरासत से लापता हो गया था। अदालत ने वाराणसी के जिलाधिकारी और एसएसपी को नोटिस जारी किया था और सरकारी वकील को सुनवाई की अगली तारीख तक एक जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा था।
मुख्य न्यायाधीश को लिखे गए पत्र में उस छात्र के पिता की पीड़ा का जिक्र किया गया है। छात्र के पिता बीएचयू में बीएससी द्वितीय वर्ष के छात्र अपने बेटे शिव कुमार त्रिवेदी से 12 फरवरी 2020 से संपर्क नहीं कर सके हैं। पत्र में लिखे तथ्यों के मुताबिक, शिव कुमार त्रिवेदी को 12 फरवरी, 2020 को कुछ पुलिसकर्मी बीएचयू के एमपी थिएटर से ले गए। छात्र को वाराणसी के लंका थाना ले जाया गया। तब से इस छात्र का कोई पता नहीं है। उसके पिता ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को कई बार इसकी शिकायत की, लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
पत्र में आरोप लगाया गया है कि त्रिवेदी के एक साथी ने पुलिस को फोन कर बताया था कि त्रिवेदी अचेत स्थिति में थिएटर ग्राउंड में है और इस आधार पर पुलिसकर्मी त्रिवेदी को ले गए। अदालत पुलिसकर्मियों की दलील से संतुष्ट नहीं थी और उसने वाराणसी के एसएसपी को निजी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।