Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 13 Dec, 2020 11:14 AM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को अगले महीने से यहां लगने वाले माघ मेले में कोरोना महामारी के मद्देनजर अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी उपलब्ध
प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को अगले महीने से यहां लगने वाले माघ मेले में कोरोना महामारी के मद्देनजर अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है। अदालत ने प्रदेश के सभी जिलों के जिला प्रशासन को सभी निजी और सरकारी स्कूलों का नियमित रूप से निरीक्षण करने और यह देखने को कहा कि कोविड-19 से जुड़े दिशानिर्देशों मसलन सैनिटाइजेशन और मास्क पहनना आदि का पालन किया जा रहा है या नहीं।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने प्रदेश में कोविड-19 के फैलने को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया। पीठ ने कहा, “यह सूचित किया गया है कि उत्तर प्रदेश में स्कूल और कॉलेज सात दिसंबर, 2020 से खोल दिए गए हैं। अध्यापक और विद्यार्थी कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं या नहीं, यह चिंता का कारण है। बच्चे इन दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर सकते हैं, इसकी हमेशा आशंका बनी रहती है।”
अदालत ने दोहराया कि कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए शत प्रतिशत मास्क पहनना और संक्रमित व्यक्तियों पर प्रभावी ढंग से नजर रखना आवश्यक है। सुनवाई के दौरान, लखनऊ, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद और मेरठ के शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने अदालत में हलफनामा दाखिल कर बताया कि उनके जिलों में हर दो किलोमीटर पर पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है जिससे शत प्रतिशत मास्क पहनना सुनिश्चित किया जा सके। इस पर अदालत ने इन अधिकारियों को सुनवाई की अगली तारीख 17 दिसंबर, 2020 को एक हलफनामा दायर कर इस उद्देश्य के लिए तैनात किए गए पुलिस कर्मियों का विवरण देने का निर्देश दिया।