Edited By Umakant yadav,Updated: 12 Oct, 2020 05:22 PM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में हाथरस में 19 साल की दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और मौत के मामले की सुनवाई सोमवार को दोपहर बाद शुरू हुई। इस दौरान पीड़िता के परिजन...
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में हाथरस में 19 साल की दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और मौत के मामले की सुनवाई सोमवार को दोपहर बाद शुरू हुई। इस दौरान पीड़िता के परिजन अदालत के समक्ष उपस्थित हुए। जहां हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना। अदालत ने प्रकरण की अगली सुनवाई के लिए 2 नवंबर की तारीख मुकर्रर की है।
बता दें कि पीड़ित पक्ष की वकील सीमा कुशवाहा ने बताया कि कोर्ट ने मामले को खुद संज्ञान में लिया। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जांच के बाद ही केस ट्रांसफर होगा। पीड़ित परिवार ने कोर्ट से कहा कि बिना अनुमति के शव का अंतिम संस्कार किया गया। परिवार को चेहरा तक नहीं देखने दिया गया। पीड़ित परिवार ने कहा कि अंतिम संस्कार उनकी बेटी का हुआ या नहीं इसकी जानकारी भी नहीं है। न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति राजन रॉय की पीठ ने दोपहर बाद मामले की सुनवाई शुरू की इस दौरान पीड़ित परिवार अदालत में मौजूद रहा। इसके अलावा गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव पुलिस महानिदेशक अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था के साथ-साथ हाथरस के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भी अदालत में उपस्थित हुए।
हाथरस के जिला अधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने अदालत से कहा कि कथित बलात्कार पीड़िता के शव का रात में अंतिम संस्कार करने का फैसला कानून और व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर किया गया था और ऐसा करने के लिए जिला प्रशासन पर प्रदेश शासन का कोई दबाव नहीं था। सोमवार सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में पीड़िता के माता पिता समेत पांच परिजन सोमवार सुबह छह बजे हाथरस से लखनऊ के लिए रवाना हुये थे और दोपहर बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में यहां पहुंचे।
गौरतलब है कि गत 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र में 19 साल की एक दलित लड़की से अगड़ी जाति के चार युवकों ने कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था। इस घटना के बाद हालत खराब होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था जहां गत 29 सितंबर को उसकी मृत्यु हो गई थी। इस घटना को लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार पर जबरदस्त हमला बोला था।