Edited By Umakant yadav,Updated: 30 Sep, 2020 10:32 AM
कांग्रेस (Congress) ने हाथरस (Hathras) में कथित रूप से सामूहिक बलात्कार (Gang rape) के बाद एक दलित लड़की की मौत के मामले की उच्च न्यायालय (High Court) के सेवारत न्यायाधीश (Serving judge) की...
लखनऊ: कांग्रेस (Congress) ने हाथरस (Hathras) में कथित रूप से सामूहिक बलात्कार (Gang rape) के बाद एक दलित लड़की की मौत के मामले की उच्च न्यायालय (High Court) के सेवारत न्यायाधीश (Serving judge) की अगुवाई में समिति बनाकर जांच कराने की मांग की है।
कांग्रेस (Congress) की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत (National Spokesperson Supriya Srinet) ने मंगलवार को डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हाथरस (Hathras) में गत 14 सितम्बर को हुए सामूहिक बलात्कार (Gang Rape) की पीड़िता की अस्पताल में मौत बेहद जघन्य मामला है। कांग्रेस की मांग है कि इस घटना की उच्च न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश की अगुवाई में समिति बनाकर जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि पार्टी यह भी मांग करती है कि लड़की के परिजन को 50 लाख रुपये की सहायता और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए। साथ ही इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में करवाई जाए।
सुप्रिया ने बलात्कारियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगवाए जाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश को 'जबानी जमाखर्च' बताते हुए कहा कि इसके बजाय कानून को पुख्ता किया जाना चाहिए। बलात्कार के दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और शिष्या से बलात्कार के आरोपी वरिष्ठ भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद जैसों को सरकार ने बचाने की भरपूर कोशिश की। वे लोग अदालत की सख्ती की वजह से कानून की जद में आए हैं।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा था कि महिलाओं और बेटियों के प्रति अपराधों की सुनवाई के लिये फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाएंगे। मुख्यमंत्री योगी बताएं कि आखिर वह इस दिशा में कितने कदम आगे बढ़े हैं। मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल इस घटना पर चुप क्यों हैं। राज्यपाल को जवाब देना होगा कि वह सरकार के साथ खड़ी हैं या फिर प्रदेश की मजलूम बेटियों के साथ। लल्लू ने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जल्द ही हाथरस जाकर पीड़ित परिवार से मिलेंगी।