Edited By Umakant yadav,Updated: 06 Oct, 2020 11:56 AM
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हाथरस की गैंगरेप पीड़िता (Hathras GangRape Victim) की मौत (Death) और उसके बाद पनपे राजनीतिक माहौल के बीच अब स्थिति बदलती नजर...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हाथरस की गैंगरेप पीड़िता (Hathras GangRape Victim) की मौत (Death) और उसके बाद पनपे राजनीतिक माहौल के बीच अब स्थिति बदलती नजर आ रही है। बीते सोमवार को योगी सरकार ने आरोप लगाया है कि इस घटना की आड़ में राज्य (State) में जातीय दंगा भड़काने की कोशिश हो रही थी, जिसके लिए वेबसाइट बनाकर और अन्य प्लेटफॉर्म के जरिए फंड इकट्ठा किया जा रहा था। अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने वेबसाइट के जरिये फंडिंग के मामले में अपनी छानबीन शुरू कर दी है और जल्द मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
वेबसाइट के जरिए जस्टिस फॉर हाथरस के लिए चलाई गई मुहिम
बता दें कि इस वेबसाइट के जरिये की गईं सभी गतिविधियां अब जांच के घेरे में हैं। जानकारी के मुताबिक वेबसाइट के जरिए सोशल मीडिया पर भ्रामक व आपत्तिजनक पोस्ट की गई थीं। इस वेबसाइट के जरिए जस्टिस फॉर हाथरस के लिए मुहिम चलाई गई। हाथरस की पुलिस ने इस मामले में सेक्शन 153A के तहत भी केस दर्ज किया है। इसी धारा में PMLA का सेक्शन भी लागू होता है।
'अमेरिकी बेस्ड' वेब पोर्टल जांच एजेंसियों के निशाने पर
एक बार अगर ED इस मामले में जांच आगे बढ़ाती है तो विदेशी फंडिंग को लेकर कई बातें सामने आ सकती हैं। जिसमें वेब पॉर्टल के द्वारा किसे पैसा मिला। किसने दिया और कहां से आया जैसे तथ्यों पर जांच की जाएगी। इसके लिए IT एजेंसियों की मदद ली जाएगी। जिससे आईपी एड्रेस,ई-मेल आईडी, फोन नंबर, वेबसाइट, वेब लिंक का पता लगाकर उनके बीच की कड़ी का पता लगया जा सके। जानकारी के मुताबिक जांच एजेंसियों के निशाने पर जो वेब पोर्टल है वो मुख्य रूप से अमेरिकी बेस्ड है।