जानिए, कैसे हर-घर तिरंगा’ अभियान सैकड़ों गरीब- बेसहारा परिवारों के घर में कर रहा उजाला, देखें तस्वीरें

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 13 Aug, 2022 12:38 PM

har ghar tricolor campaign is lighting up the homes of hundreds of poor

प्रयागराजः उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सैकड़ों गरीब-बेसहारा परिवारों के लिए हर घर तिरंगा अभियान खुशियां लेकर आया है। इससे  हजारों परिवारों को तिरंगा झंडा बनाने का ऑर्डर मिला है। जिसके चलते कई परिवारों को रोजगार मिला, बिक्री में भारी इजाफा हुआ...

प्रयागराजः उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सैकड़ों गरीब-बेसहारा परिवारों के लिए हर घर तिरंगा अभियान खुशियां लेकर आया है। इससे  हजारों परिवारों को तिरंगा झंडा बनाने का ऑर्डर मिला है। जिसके चलते कई परिवारों को रोजगार मिला, बिक्री में भारी इजाफा हुआ है। वही फुटपाथ पर लकड़ी का काम करने वालों को भारी मात्रा में तिरंगे के आर्डर मिले है।
 

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जितने की पहले कभी नहीं मिले थे। जैसे जैसे 15 अगस्त का दिन करीब आ रहा है वैसे वैसे हर ओर तिरंगे झंडे लगे हुए नजर आ रहे हैं। पूरा देश इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है ऐसे में ये महोत्सव गरीबों के लिए एक वरदान भी साबित हो रहा है। सड़क किनारे फुटपाथ पर लकड़ी से बने सामानों को बेचने वाले कारीगर सरकार की की इस पहल से बेहद खुश हैं।

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कारीगर बताते हैं कि अबकी बार तिरंगा झंडे का ऑर्डर इतना मिल गया है जितना उन्हें बीते कई सालों तक नहीं मिला था । पहली बार ऐसा हो रहा है जब इतनी भारी संख्या में लोग तिरंगा झंडा खरीद रहे हैं। साथ ही साथ कई दिन पहले से ही उनको सैकड़ों की संख्या में तिरंगे झंडे को बनाने का ऑर्डर भी मिलना शुरू हो गया।
 

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प्रयागराज के रहने वाले कैलाश का कहना है कि अमृत महोत्सव उनके परिवार के लिए एक वरदान से कम साबित नहीं हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए  कैलाश का कहना है कि उनका परिवार बांस की लकड़ी से जुड़े सजावटी सामानों का निर्माण करता है और बेचता है। बीते कोरोना काल से ही उनके कारोबार में ज्यादा बचत नहीं हो रही थी, लेकिन जिस तरीके से अमृत महोत्सव को लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने आह्वान किया। 

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उसके बाद से ही उनके परिवार का हर सदस्य तिरंगा  झंडे बनाने के कार्य में जुट गया। घर का कोई व्यक्ति तिरंगा की स्टिक बनाता है तो कोई तिरंगे झंडे को अंतिम रूप देता है। कैलाश बताते हैं कि बीते 10 दिनों में भारी संख्या में तिरंगे की डिमांड बढ़ी है और परिवार के कुछ अन्य सदस्यों को भी तिरंगे झंडे बनाने के लिए जोड़ना पड़ा है।

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कैलाश का कहना है कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब इतनी भारी संख्या में लोग तिरंगे झंडे खरीदने के लिए आ रहे हैं या फिर वह आर्डर दे रहे हैं । इससे पहले इतनी भारी संख्या में लोग कभी नहीं आते थे। दूसरी तरफ कैलाश की ही तरह राजेंद्र भी सरकार के इस फैसले से बेहद खुश हैं । उनके परिवार में 7 सदस्य हैं जो इसी तरह बांस की लकड़ी से बने सामानों का कारोबार करते हैं ।

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विजेंद्र का भी मानना है कि पिछले 10 दिनों से उनके परिवार के आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। आमदनी में इजाफा हुआ तो विजेंदर ने अपने बच्चों के लिए खिलौने  भी खरीद लिए। दोनों ही परिवार सरकार की इस पहल की जमकर सराहना तो कर ही रहे हैं साथ ही साथ उनका कहना है कि सरकार गरीबों के हित में ही काम कर रही है और सभी वर्गों के लोगो का भी ध्यान रख रही है। 

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