Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 08 Jun, 2019 05:30 PM
बुन्देलखंड में पेयजल की समस्या के निदान के लिये केन्द्र और राज्य सरकार की तमाम कवायद को अफसरों की अदूरदर्शिता पलीता लगा रही है। हमीरपुर जिले में 270 ऐसे तालाब प्रशासन ने चिंहित किये है जहां पर तालाब में पानी भराए जाने का कोई रास्ता नही बनाया गया है,...
हमीरपुरः बुन्देलखंड में पेयजल की समस्या के निदान के लिये केन्द्र और राज्य सरकार की तमाम कवायद को अफसरों की अदूरदर्शिता पलीता लगा रही है। हमीरपुर जिले में 270 ऐसे तालाब प्रशासन ने चिंहित किये है जहां पर तालाब में पानी भराए जाने का कोई रास्ता नही बनाया गया है, लिहाजा प्रचंड गर्मी के बीच हजारों मवेशी एक एक बूंद पानी के लिये भटकने को मजबूर है। सैकड़ों बेजुबान प्यास से दम तोड़ चुके है।
जिला पंचायत राज अधिकारी(डीपीआरओ) डा.डी पी तिवारी ने शनिवार को बताया कि जिले में तालाबों की कुल संख्या 1428 है। जिसमें कुरारा ब्लाक में 154, सुमेरपुर ब्लाक में 241, मौदहा ब्लाक में 228, मुस्करा ब्लाक में 169, राठ ब्लाक में 181, गोहांड ब्लाक में 216, सरीला ब्लाक में 239 तालाबों की संख्या है। मवेशियों को पानी उपलब्ध कराने के लिये 735 तालाब भरा दिये गये है। हालांकि अभी भी 693 तालाब खाली पड़े हुये है। जिले में 270 ऐसे तालाब है जिसमे पानी भराये जाने के लिये कोई रास्ता नही बनाया गया है, इनमें मनरेगा योजना के ज्यादातर तालाब शामिल है।
मनरेगा से खुदवाए गए तालाबों में पहले से ही पानी आने का रास्ता साफ होने के बाद ही तालाब के खुदवाये जाने की अनुमति दी जाती है मगर जिलेे में पिछले साल में मनरेगा योजना के तहत ग्राम प्रधानो और सचिवो ने मिलकर मानकविहीन तालाब खुदवा दिये है जिसमें 270 तालाबों में आज भी धूल उड़ती रहती है।