ज्ञानवापी मस्जिद पुरातात्विक सर्वेक्षण मामले की 3 मार्च को होगी सुनवाई

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 27 Feb, 2020 11:40 AM

gyanvapi mosque archaeological survey case will be heard on march 3

उत्तर प्रदेश में वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने संबंधि मामले की सुनवायी फस्ट ट्रैक अदालत ने सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा अदालत के क्षेत्राधिकारी को लेकर उठाए सवालों को खारिज करते हुए अगली सुनवाई के लिए तीन मार्च की...

वाराणसीः उत्तर प्रदेश में वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने संबंधि मामले की सुनवायी फस्ट ट्रैक अदालत ने सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा अदालत के क्षेत्राधिकारी को लेकर उठाए सवालों को खारिज करते हुए अगली सुनवाई के लिए तीन मार्च की तारीख मुकरर्र की है।

न्यायाधीश आशुतोष तिवारी की अदालत ने मंगलवार को संबंधित पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की मांग पर सुनवाई के लिए तीन मार्च की तारीख तय की है। मुस्लिम पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील मोहम्मद तौहीद खां दलीलें पेश करते हुए कहा था कि वक्फ अधिनियम के मुताबकि वक्फ संपत्ति की सुनवायी सिविल अदालत में नहीं की सकती है और इस मामले की सुनवायी वक्फ ट्रिब्यूनल में की जानी चाहिए। अदालत द्वारा नियुक्त वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने इस पर आपत्ति दर्ज की थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा इस अदालत के क्षेत्राधिकार पर उठाये गए सवालों को खारिज करते हुए अगली सुनवायी की निर्धारित की है।

रस्तोगी ने बताया कि हिंदू पक्षकार पंडित सोमनाथ व्यास एवं अन्य का मानना है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ स्थित ज्ञानवापी मस्जिद योतिर्लिंग भगवान विशेश्वर मंदिर का एक हिस्सा है तथा यहां पर हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार है। इसलिए उन्होंने भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण विभाग के माध्यम से सर्वेक्षण कराकर सच्चाई का पता लगाने के लिए अदालत से गुहार लगायी थी। यह मुकदमा यहां की अदालत में गत करीब तीन दशकों से चल रहा है।       
 

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