Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 04:55 PM
चित्रकूट में एक अजीबो-गरीब मामाला सामने आया है, जहां बिजली विभाग का बिल ना भरे जाने पर कोतवाली की लाइट को काट दिया गया। जिसके बाद कोतवाली में...
चित्रकूटः चित्रकूट में एक अजीबो-गरीब मामाला सामने आया है, जहां बिजली विभाग का बिल ना भरे जाने पर कोतवाली की लाइट को काट दिया गया। जिसके बाद कोतवाली में घना अंधेरा छा गया और अधिकारियों मोमबत्ती जलाकर कोतवाली में उजाला करना पड़ा।
बिल ना जमा होने पर काट दी गई कोतवाली की लाइट
इस मामले में कोतवाली में तैनात होमगार्ड ने बताया कि शाम से बिजली नही है और अबतक बिजली आई नही है। इस पूरे मामले में जब हमने जांच पड़़ताल की तो पता चला कि बिल न जमा होने से बिजली विभाग ने लाइट काट दिया है। बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता ने साफ तौर पर कहा कि बिल न जमा होने से लाइट काट दिया गया है। प्रमुख सचिव व ऊर्जा मंत्री का निर्देश है कि सरकारी अस्पताल को छोड़कर किसी भी विभाग या व्यक्ति की बिल न जमा होने पर लाइट काट दी जाए।
कोतवाली में छाया अंधेरा
गौरतलब है कि प्रदेश में मऊ जिला अतिसंवेदनशील जिला माना जाता है और यहां के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी है। ये कोतवाली अतिसंवेदनशील इलाके ने पड़़ती है इस कोतवाली में अंधेरा देख आम जनता के मन में तरह-तरह के सवाल उठ रहे है कि जब बिजली विभाग ने कोतवाली की लाइट काट दिया तो आम जनता को कैसे छोड़ेगी।
उठता है ये सवाल
अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि बिल न जमा होने से बिजली विभाग ने लाइट काट दी है। लेकिन हर सरकारी कार्यलयों में सरकार की ओर से जनरेटर की व्यवस्था की जाती है और साथ ही हर महीने जननेटर के खर्च के साथ डीजल का भरवाने के पैसे भी आते हैं।
सोचने वाली बात ये है कि लाइट कटने का बाद जरनेटर क्यों नहीं चलाया गया। क्या जरनेटर में डीजल नहीं था, या फिर डीजल का पैसा बचा लिया गया। ये सब जांच का विषय है। अगर कोतवाली में ही अंधेरा रहेगा तो कोई भी व्यक्ति किसी घटना को अंजाम देकर आसानी से चला जायेगा ।