Edited By Deepika Rajput,Updated: 09 Nov, 2019 09:14 AM
उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया के माध्यम से सामाजिक सद्भाव भंग करने वाले तत्वों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने के पुलिस अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी ओपी सिंह द्वारा भेजे गए निर्देशों में कहा गया है कि सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया के माध्यम से सामाजिक सद्भाव भंग करने वाले तत्वों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने के पुलिस अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी ओपी सिंह द्वारा भेजे गए निर्देशों में कहा गया है कि सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कर उनकेे एकाउंट को ब्लॉक कराने की कार्रवाई करते हुए वैधानिक कदम उठाए जाए।।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सोशल मीडिया पर किए गए आपत्तिजनक पोस्ट को सुरक्षित रखने की प्रक्रिया की जानकारी दी गई, ताकि पोस्ट डिलीट होने पर भी साक्ष्य उपलब्ध रहे। उन्होंने बताया कि निर्देश मिले हैं कि ऐसे व्यक्तियों को जो आपत्तिजनक पोस्ट कर समाज में वैमनस्यता फैलाने का प्रयास करते हैं, को चिन्हित कर थानावार रजिस्टर बनाकर उनपर सतर्क दृष्टि रखी जाए। चिन्हित व्यक्तियों के संबंध में डिजिटल वालंटियर ग्रुप के माध्यम से जानकारी साझा की जाए। इस प्रकार के व्यक्तियों द्वारा की जाने वाली भ्रामक पोस्ट पर डिजिटल वालंटियर ग्रुप के सदस्यों द्वारा भी सतर्क दृष्टि रखी जाए। व्हाट्सएप ग्रुपों में पोस्ट करने वालों के साथ-साथ ग्रुप एडमिन के विरूद्ध भी विधिक कार्रवाई की जाए।
जिलों को निर्देशित किया गया कि वे अपने स्तर से इस बात का प्रचार-प्रसार करे कि कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक टिप्पणी, भाषण, तस्वीर, धार्मिक उन्माद, सामाजिक विद्वेष, जातिगत घृणा आदि से संबंधित वीडियो/मैसेज आदि पोस्ट न करें, न ही इसे लाइक व फॉरवर्ड करे। फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप आदि के माध्यम से भड़काऊ/आपत्तिजनक पोस्टों के विषय में पुलिस विभाग को सूचित करने के लिए जनसामान्य के लिए मुख्यालय स्तर से व्हाट्सएप नंबर 8874327341 उपलब्ध कराया जा रहा है। कोई भी इस नंबर पर टेक्स्ट मैसेज/वॉइस क्लिप, स्क्रीन शॉट आदि के माध्यम से व्हाट्सएप कर सकता है, जिसकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी।