Edited By Anil Kapoor,Updated: 18 Oct, 2018 12:42 PM
सरकारी लापरवाही से पिछले 10 वर्षों से सरकारी गोदामों में रखा 7.80 लाख क्विंटल अनाज सड़ गया। देश में प्रति व्यक्ति अनाज की खपत हर दिन करीब 500 ग्राम है। इस लिहाज से रोजाना औसतन करीब 43 हजार लोगों के हिस्से का अनाज बर्बाद हो रहा है।
गोरखपुर: सरकारी लापरवाही से पिछले 10 वर्षों से सरकारी गोदामों में रखा 7.80 लाख क्विंटल अनाज सड़ गया। देश में प्रति व्यक्ति अनाज की खपत हर दिन करीब 500 ग्राम है। इस लिहाज से रोजाना औसतन करीब 43 हजार लोगों के हिस्से का अनाज बर्बाद हो रहा है। हालांकि मनमोहन सरकार के मुकाबले मोदी सरकार में 1.04 लाख क्विंटल अनाज सड़ने से बचा लिया गया। फिर भी आंकड़े डराने वाले हैं।
यह खुलासा आरटीआई से मिले जवाब में हुआ है। आंकड़ों के अनुसार मनमोहन सरकार के 5 साल में 4.42 लाख क्विंटल अनाज खराब हुआ जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में 3.38 लाख क्विंटल अनाज सड़ गया। खाद्य विशेषज्ञों का कहना है कि अनाज के सड़ने की एकमात्र वजह इसका बारिश में भीगना है।
821 बच्चे प्रतिदिन पर्याप्त खाना न मिलने के कारण तोड़ते हैं दम
देश में हर दिन करीब 20 करोड़ लोग भूखे रह जाते हैं या अल्प भोजन पर निर्भर हैं। इतना ही नहीं, 821 बच्चे प्रतिदिन पर्याप्त खाना नहीं मिलने के कारण दम तोड़ देते हैं।