Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 12 Dec, 2020 06:46 PM
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि आपत्ति के समय एकजुट होकर स्वयं की चिंता किये बिना सरकार के सहयोग से करोना के विरूद्ध लड़ना बहुत बड़ी बात है। उन्होंने
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि आपत्ति के समय एकजुट होकर स्वयं की चिंता किये बिना सरकार के सहयोग से करोना के विरूद्ध लड़ना बहुत बड़ी बात है। उन्होंने ये विचार होटल रैडिसन सिटी सेंटर लखनऊ में आयोजित कोविड-19 वारियर्स अवॉर्ड के कार्यक्रम में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि विपत्ति के समय प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह मदद के लिये आगे आये, हर जगह सरकार नहीं पहुंच सकती। ये कार्य समाजसेवी संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं तथा जनप्रतिनिधियों सभी का है।
उन्होंने कहा कि सरकार का हाथ-पैर समाज होता है। हमारे देश की आबादी 130 करोड़ से अधिक है, फिर भी भारत में अन्य देशों की तुलना में कोरोना के कम मामले आए जबकि हमारे प्रदेश में 24 करोड़ की आबादी तथा संसाधन कम होने के बाद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सुनियोजित तरीके से कोरोना बीमारी को रोकने का जो प्रयास किया गया, वह सराहनीय है। बीमारी के शुरूआती दिनों में हमारे पास चिकित्सा सुविधायें नहीं थी,लेकिन प्रदेश सरकार ने इस दिशा में बहुत तीव्र गति से कार्य किया और आज हमारे पास सुसज्जित अस्पतालों के साथ-साथ कोविड-19 के परीक्षण की सुविधाएं भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कोरोना वारियर्स अवॉर्ड से 20 लोगों को सम्मानित किया। राज्यपाल ने कोरोना वॉरियर्स की तारीफ करते हुये कहा कि आपत्ति को अवसर में बदलने के प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कच्छ में आये भूकम्प त्रासदी की चर्चा करते हुए कहा कि उस समय आयी भीषण त्रासदी के समय हम कुछ नहीं कर सके और भीषण जनहानि हुई, लेकिन हमने धैर्य एवं साहस से काम लिया और सुनियोजित विकास का प्रयास किया। आज कच्छ पहले से भी सुरक्षित और खूबसूरत शहरों में से एक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमें बच्चों की अच्छी शिक्षा हेतु सुरक्षात्मक तरीके से व्यवस्था करनी है आज आनलाइन शिक्षा की व्यवस्था हो रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति लागू की है। हमें उसके अनुसार शिक्षा प्रणाली को आगे बढ़ाने के प्रयास सच्चे मन से करना चाहिए। उत्तर प्रदेश के जितने भी विश्वविद्यालय हैं सभी ने शिक्षा प्रणाली को मजबूत करते हुये वेबिनार आयोजित किये हैं। वहां तकनीकी का प्रयोग हुआ है। हमारा प्रयास है कि 2035 तक 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम हो सकें। हमारा प्रयास रोजगार मांगने वाला नहीं बल्कि देने वाला होना चाहिए।