Edited By Umakant yadav,Updated: 09 Jan, 2021 11:40 AM
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने किसानों व केंद्र सरकार के बीच अब तक हुई वार्ता के बेनतीजा रहने पर चिंता जाहिर करते हुये कहा कि सरकार को नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की माँग को स्वीकार करके इस समस्या का शीघ्र समाधान करना चाहिए।
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने किसानों व केंद्र सरकार के बीच अब तक हुई वार्ता के बेनतीजा रहने पर चिंता जाहिर करते हुये कहा कि सरकार को नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की माँग को स्वीकार करके इस समस्या का शीघ्र समाधान करना चाहिए।
बसपा नेता ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘‘काफी समय से दिल्ली की सीमाओं पर आन्दोलन कर रहे किसानों व केन्द्र सरकार के बीच वार्ता कल एक बार फिर से नाकाम रही, जो अति-चिन्ता की बात है।'' उन्होंने कहा, ‘‘केन्द्र से पुनः अनुरोध है कि नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की माँग को स्वीकार करके इस समस्या का शीघ्र समाधान करे।''
गौरतलब है कि कृषि कानूनों को लेकर पिछले लगभग एक महीने से सरकार और किसानों के बीच चला आ रहा गतिरोध शुक्रवार को आठवें दौर की वार्ता के बाद भी समाप्त नहीं हो सका। लिहाजा बैठक की अगली तारीख 15 जनवरी तय की गई। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि वार्ता के दौरान किसान संगठनों द्वारा तीनों कानूनों को निरस्त करने की उनकी मांग के अतिरिक्त कोई विकल्प प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण कोई फैसला नहीं हो सका। लगभग दो घंटे तक चली बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में तोमर ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि अगली वार्ता में किसान संगठन के प्रतिनिधि वार्ता में कोई विकल्प लेकर आएंगे और कोई समाधान निकलेगा। उन्होंने कानूनों को निरस्त करने की मांग यह कहते हुए खारिज कर दी कि देश भर के अन्य किसानों के कई समूहों ने इन कृषि सुधारों को समर्थन किया है।